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शाहीन बाग में कुछ भी गै़रकानूनी नहीं, बदनाम करने की साजिÞश

आरडब्लयूए ने एमसीडी को दो टूक अलफाज में कहा, मुहिम गलत


नई दिल्ली :
शाहीन बाग की रेजीडेंट वेल्फेयर एसोसीएशन ने जुनूबी दिल्ली म्यूनसिंपल कार्पोरेशन की जानिब से तजावुजात (अतिक्रमण) हटाने की मुहिम को गलत करार देते हुए कहा है कि यहां कुछ भी गै़रकानूनी नहीं किया गया है। यहां सिर्फ एक इमारत में पेंटिंग के लिए बाँस का बैट लगा था। हमने खुद ही वो बाँस हटा दिया। यहां कुछ भी गै़रकानूनी नहीं है। हमने पहले ही सब कुछ हटा दिया था। एमसीडी को कुछ भी गै़रकानूनी नहीं मिला। मस्जिद के बाहर गुस्ल-खाना था, वो भी हमने खुद ही हटा दिया था। यहां ज्यादातर दुकानें हिन्दुओं की हैं। शाहीन बाग को जानबूझ कर निशाना बनाया गया है। हमने एमसीडी से कहा था, कि हमें बताएं कि कहाँ से कोई गै़रकानूनी चीज मिली है। रेजीडेंट वेल्फेयर एसोसीएशन ने मजीद कहा कि हम इंतिजामीया से कहेंगे कि शाहीन बाग का नाम बदनाम ना किया जाए। दूसरी जानिब कांग्रेस के रहनुमा इमरान प्रताप गढ़ी ने इस मुआमले में कहा है कि अगर गै़रकानूनी तारकीन-ए-वतन दिल्ली में रह रहे हैं, तो ये वजीर-ए-दाखिला की नाकामी को जाहिर करता है, क्या मर्कजी वजीर-ए-दाखिला को इस्तीफा नहीं देना चाहिए, जबकि दिल्ली बीजेपी के सरबराह आदेश कुमार गुप्ता ने इल्जाम लगाया है कि कांग्रेस और आप पार्टी दहश्तगरदों की हिमायत कर रही हैं। रोहंगया जैसे गै़रकानूनी तारकीन-ए-वतन की हिमायत कर रहे हैं। सुप्रीमकोर्ट ने कमीयूनिस्ट पार्टी आफ इंडिया की अर्ज़ी पर समाअत करने से इनकार कर दिया है। ये अर्जी जुनूबी दिल्ली के शाहीन बाग और दीगर इलाकों में जारी तजावुजात हटाने की मुहिम के खिलाफ दायर की गई थी। सीपीआई (एम) के वकील ने आज सीजेआई के सामने अ र्जी का जिÞक्र किया और फौरी समाअत का मुतालिबा किया जिसमें कहा गया था कि जुनूबी दिल्ली म्यूनसिंपल कारपोरेशन शाहीन बाग में बुलडोजर चलाने का मन्सूबा बना रही है। जबकि बाअज दीगर इलाकों में कई इमारतें पहले ही मुनहदिम हो चुकी हैं। दरखास्त में इल्जाम लगाया गया है कि जुनूबी दिल्ली म्यूनसिंपल कारपोरेशन ने कहा है कि तजावुजात हटाने का प्रोग्राम इंतिहाई गै़रकानूनी और गैर इन्सानी है।


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