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खिदमत करने वालो के साथ है सुकून, हर जिले में होगा सुकून विंग्स


बिलासपुर :
सुकून फाउंडेशन की जानिब से 8 मई को त्रिवेणी भवन में शादी के काबिल लड़के-लड़कियों के लिए ताअर्रुफी प्रोग्राम का एहतेमाम किया गया। जरिया-ए-हमसफर अनाया कुरैशी के बैनरतले मुनाकिद इस प्रोग्राम में बड़ी तादाद में कौम के लोगों ने शिरकत की। मेहमाने खुसूसी महापौर राम सरण यादव, सभापति शेख नजीरुद्दीन और उनके साहबजÞादे शेख निजामुद्दीन थे। शेख निजामुद्दीन जरिया ए हमसफर के निगरां (संरक्षक) भी हंै। प्रोग्राम से खिताब करते हुए सुकून फाउंडेशन के बानी अब्दुल मन्नान ने मुस्तकबिल में फाउंडेशन के काम काज और ताअर्रुफी प्रोग्राम को फरोग देने के अपने अज्म को दोहराया। उन्होंने कहा कि आयंदा सालों में फाउंडेशन की जानिब से न सिर्फ तआर्रुफी प्रोग्राम मुनाकिद किए जाएंगे बल्कि इज्तेमाई निकाह भी करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुकून फाउंडेशन का मकसद महज जरूरतमंदों को उनकी जरूरत की चीजें मुहैय्या कराना नहीं, बल्कि कौम की फलाह व बहबूब के मुतअदिदद काम हैं। इनमें तालीम, इलाज, रोजगार, खेलकूद और नए शादीशुदा जोड़ों की अजदवाजी जिंदगी में आ रहे बिखराव के लिए काम करना भी शामिल है। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन के अलग-अलग विंग बनाए जा रहे हैं। टीम में सबीहा खान, एडवोकेट मुस्कान, डॉक्टर शाकिब, आकिल भाई, डॉक्टर परवीन आलम, फरहीन चिश्ती, हमीदा खान, सितारा अंजुम, नौशीन परवीन, फिरोज खान कोरबा, महजबीन अंजुम और सलमा बाजी के अलावा शहर के मोहत्तबर लोग शामिल हैं। अपनी बात उन्होंने मरहूम कैशर वारसी इन पंक्तियों के साथ की


‘आगाज है मिट्टी, मेरा अंजाम है मिट्टी, ताज्जुब हैं लोगों को मिट्टी का घर अच्छा नहीं लगता।’


सुकून की टीम ने बचाई लड़की की आबरू

बिलासपुर : गुजिश्ता दिनों बिलासपुर के सरकंडा इलाके में अरपा ब्रिज के करीब कुछ लड़कों ने एक लड़की को घेर लिया था। इसकी जानकारी मिलते ही सुकून फाउंडेशन की टीम मौके पर पहुंची और परेशानहाल लड़की को बदमाशों के चंगुल से बचाया। यही नहीं, टीम ने लड़की को उसके घर तक ले जाकर छोड़ा। फाउंडेशन के शेख अब्दुल मन्नान ने बताया कि ईद के दूसरे दिन जूनी लाईन के रहने वाले नदीम ने उन्हें इत्तेला दी कि कुछ लड़के सरकंडा पुल पर एक अकेली लड़की को परेशान कर रहे हैं। इत्तेला मिलते ही उन्होंने जूनी लाईन के अपने साथियों की इसकी जानकारी दी और उन्हें लेकर सरकंडा पुल जा पहुंचे जहां कुछ लड़के एक कामकाजी लड़की को घेरे हुए थे। अब्दुल मन्नान ने बताया कि उन्होंने किसी तरह लड़की को उनसे बचाया और उसे उसके घर तक पहुंचाया। लड़की की इल्तेजा पर मामले की इत्तेला पुलिस को नहीं दी गई। 


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