अकबर रोड, हुमायूं रोड और औरंगजेब लेन जैसे नामों से गुलामी का अहसास होता है
नई दिल्ली : उतर प्रदेश की तर्ज़ पर अब राजधानी दिल्ली में भी नाम बदलने की सियासत तेज हो गई है। दिल्ली बीजेपी ने मंगल को नई दिल्ली म्यूनसिंपल काउंसिल (एनडीएमसी) को खत लिख कर मुगल हुकमरानों के नाम से मंसूब छ: सड़कों अकबर रोड, हुमायूँ रोड का नाम तबदील करने का मुतालिबा किया है। दिल्ली बीजेपी सदर आदेश गुप्ता ने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी दिल्ली की कुछ गलियों में आज भी गु़लामी की अलामत की झलक नजर आती है, इसलिए अब इन गलियों के नाम तबदील किए जाएं।
उन्होंने कहा कि इन तमाम मुआमलात पर आम आदमी पार्टी खामोश है, हाँ! जब मंदिर को नोटिस भेजा जाता है तो एहतिजाज करने के लिए पूरी आम आदमी पार्टी सड़क पर आ जाती है। केजरीवाल का असल चेहरा दिल्ली फसाद, जहांगीर पूरी और तब्लीगी जमात पर खुल कर सामने आ चुका है। बीजेपी के खत में कहा गया है कि ये हम तमाम हम वतनों के लिए फखर का लम्हा है कि आज मुल्क के 10 वेंं गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी का 400 वां प्रकाश पर्व मना रहा है। सिखों की तारीख में सबसे अहम खालसा पंथ की बुनियाद भी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने रखी थी। इसके साथ ही उन्होंने मुल्क और मजहब की हिफाजत के लिए अपने चार बेटों की कुर्बानी भी दी थी। ऐसी अजीम शख़्सियत को खिराज-ए-तहिसीन पेश करने के लिए हम मुतालिबा करते हैं कि नई दिल्ली की तुगलक रोड जो कि मुग़्लिया दौर की गु़लामी की अलामत है, को हटाकर उसका नाम तबदील कर श्री गुरु गोबिंद सिंह मार्ग रखा जाए। इसके साथ ही अकबर रोड का नाम बदल कर महाराणा प्रताप मार्ग रख दिया जाना चाहिए ताकि महाराणा प्रताप के 482 वीं यौम-ए-पैदाइश की याद मनाई जा सके, जो हिन्दुओं के फखर और मेवाड़ के फखर हैं, जिन्होंने मुगलों से सख़्ती से लड़ा था। ये ना सिर्फ हमारे नौजवानों को बल्कि आने वाली नसलों को भी तवील अर्से तक मुतास्सिर करेगा। इसके साथ गु़लामी की अलामत औरंगजेब लेन का नाम तबदील कर डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम लेन रख दिया जाए जो मिजाईल मैन, हिन्दोस्तान के साबिक सदर और अजीम साईंसदान के नाम से मशहूर हैं। इसी तरह बाबर लेन का नाम नौजवान इन्किलाबी खुदीराम बोस लेन के नाम पर रखा जाना चाहिए जिन्हें मुल्क के लिए 18 साल की उम्र में फांसी दे गई थी। इसी तरह हुमायूँ रोड का नाम महाऋषि वाल्मीकि रोड के नाम पर रखा जाना चाहिए, जो महा काव्य रामायन के मुसन्निफ और आदि कवि के नाम से मशहूर हैं। साथ ही शाहजहाँ रोड का नाम बदल कर हिन्दोस्तान के पहले चीफ आफ डीफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाना चाहिए।