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अंदरूनी मसाइल पर बैरूनी तबसरे काबिल-ए-कबूल नहीं

 हिजाब मसला: बैनुल अकवामी सतह पर तन्कीद पर भारत नाराज


नई दिल्ली। हिजाब मसला पर चौतरफा तन्कीद हो रही है। यहां तक कि बैनुल अकवामी सतह पर भी आवाज उठाई जा रही है। कहा जा रहा है कि भारत में हिजाब को मुद्दा बनाकर शख़्सी आजादी को निशाना बनाया जा रहा है और एक हुजूम किस तरह तालिबात को घेरता है और नारे लगाता है। इस दरमयान सरकार ने बैनुल अकवामी तन्कीद पर रिवायती सफाई पेश करते हुए कहा है कि ये अंदरूनी मुआमला है। हिन्दोस्तान ने हफ़्ता के रोज कर्नाटक के कुछ तालीमी इदारों में यकसाँ कवानीन के तनाजा पर कुछ ममालिक की तन्कीद को मुस्तर्द करते हुए कहा है कि मुल्क के अंदरूनी मुआमलात पर किसी दूसरे मकसद से मुतास्सिर तबसरे काबिल-ए-कबूल नहीं हैं। वजारत-ए-खारजा के तर्जुमान अरिन्दम बागची ने कहा कि जो लोग हिन्दोस्तान को जानते हैं, उन्हें हकायक का काफी अंदाजा होगा। उन्होंने कहा है कि 'कर्नाटक के कुछ तालीमी इदारों में यकसाँ कवानीन से मुताल्लिक मुआमला कर्नाटक हाईकोर्ट में जेरे गौर है। मसाइल पर हमारे आईनी ढाँचे और मशीनरी, जम्हूरी अखलाकीयात और बादशाहत के तनाजुर में तबादला-ए-ख़्याल और हल किया जाता है। जो लोग हिन्दोस्तान को अच्छी तरह जानते हैं, उन्हें उन हकायक का काफी अंदाजा होगा। हमारे अंदरूनी मसाइल पर किसी दूसरे मकसद से हौसला-अफजाई के तबसरे काबिल-ए-कबूल नहीं हैं। बागची ने ये जवाब उस वक़्त दिया जब मीडिया ने कर्नाटक के कुछ तालीमी इदारों में यकसाँ कवानीन पर कुछ ममालिक के तबसरों के बारे में सवाल किया। 

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