योगी ने ट्वीट किया, "तालिबान सोच के 'मज़हबी जुनूनी जो 'ग़ज़वा हिंद का ख़ाब देखते हैं, इस चीज़ को बांध लें, वो रहें या ना रहें, हिन्दोस्तान शरीयत के मुताबिक़ नहीं, आईन के मुताबिक़ चलेगा

 


ज़ाफ़रानी लिबास में मलबूस चीफ़ मिनिस्टर ने कॉलिजों में हिजाब पर पाबंदी को लेकर कर्नाटक में बड़े तनाज़ा के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, "मैं पुख़्ता यक़ीन रखता हूँ कि निज़ाम को हिन्दुस्तानी आईन के मुताबिक़ चलना चाहिए। हम अपने इन्फ़िरादी अक़ाइद, अपने बुनियादी हुक़ूक़, अपनी ज़ाती पसंद-ओ-नापसंद कुमलक या इदारों पर मुसल्लत नहीं कर सकते।

नई दिल्ली: उत्तरप्रदेश में वोटिंग के दूसरे मरहले के दरमयान, वज़ीर-ए-आला योगी आदित्य नाथ ने कहा है कि नया हिन्दोस्तान आईन के मुताबिक़ चलेगा ना कि शरीयत के मुताबिक़। उन्होंने ये भी कहा कि ''ग़ज़वा हिंद' का ख़ाब कभी पूरा नहीं होगा। रियासत में सात मरहलों में होने वाली पोलिंग के दूसरे मरहले में आज नौ अज़ला की कल55 सीटों पर वोटिंग हो रही है.

वज़ीर-ए-आला ने कहा कि ''ग़ज़वा हिंद का ख़ाब देखने वाले तालिबानी सोच के मज़हबी जुनूनीयों, इस चीज़ को बांध लें, वो रहें या ना रहें, हिन्दोस्तान शरीयत के मुताबिक़ नहीं, बल्कि आईन के मुताबिक़ काम करेगा। 



योगी आदित्य नाथ ने आज न्यूज़ एजैंसी ए एन आई को एक इंटरव्यू में ये भी दावा किया कि उनका80 बमुक़ाबला20" तबसरा "उन लोगों के दरमयान फ़र्क़ करना था जो तरक़्क़ी की हिमायत करते हैं और जो हर चीज़ की मुख़ालिफ़त करते हैं"

उन्होंने कहा, "नया हिन्दोस्तान आईन के मुताबिक़ चलेगा, शरीयत के नहीं। मैं ये भी वाज़िह तौर पर कहना चाहता हूँ कि ग़ज़वा हिंद का ख़ाब क़ियामत तक पूरा नहीं होगा

ज़ाफ़रानी लिबास में मलबूस चीफ़ मिनिस्टर ने कॉलिजों में हिजाब पर पाबंदी को लेकर कर्नाटक में बड़े तनाज़ा के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, "मैं पुख़्ता यक़ीन रखता हूँ कि निज़ाम को हिन्दुस्तानी आईन के मुताबिक़ चलना चाहिए। हम अपने इन्फ़िरादी अक़ाइद, अपने बुनियादी हुक़ूक़, अपनी ज़ाती पसंद-ओ-नापसंद कुमलक या इदारों पर मुसल्लत नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा, "क्या मैं यूपी के लोगों और कारकुनों से कह रहा हूँ कि वो ज़ाफ़रान पहनें? वो क्या पहनना चाहते हैं, ये उनकी पसंद है लेकिन स्कूलों में ड्रैस कोड होना चाहिए। ये स्कूलों और स्कूलों में नज़म-ओ-ज़बत का मुआमला है"

उन्होंने कहा कि किसी का इन्फ़िरादी अक़ीदा मुख़्तलिफ़ होता है, लेकिन जब कोई इदारों की बात करता है तो वहां के क़वानीन को तस्लीम करना पड़ता है, क़ौमी तनाज़ुर में, उन्होंने कहा, आईन की पैरवी होनी चाहिए




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