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बड़े कुल की रस्म के साथ हुआ 810 वें उर्स का एख्तेताम

  • बड़े कुल की रस्म के साथ हुआ 810 वें उर्स का एख्तेताम
  • नमाजे जुमा में झुके हजारों सिर

मोहम्मद हासम अली

अजमेर: हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रमतुल्ला अलैह के 810 वें उर्स का इख्तेताम बरोजे जुमा बड़े कुल की रस्म के साथ हुआ। दुनियाभर से सालाना उर्सपाक शरीक होने अजमेर शरीफ पहुंचे अकीदतमंदों के बीच दरगाह के खादिमों की ओर से बड़े कुल की रस्म अदा की गई। इस मौके पर दरगाह को गुलाब जल और केवड़े से धोया गया। उस दौरान कैंपस में या मोईन, हक मोईन की सदा गूंज रही थी। दरगाह में हर तरह चिश्तिया रंग बिखरा दिखाई दे रहा था। कुल की रस्म के साथ ही पूरे मुल्क में अमन, चैन, आपसी भाईचारे और कौमी एकता की दुआ मांगी गई। 

मश्के सकीना का तोहफा पेश

हसनी हुसैनी सोसाइटी जबलपुर (मध्यप्रदेश) की ओर से उर्स पर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह में मश्क-ए-सकीना का तोहफा पेश किया गया जिसकी एक ­ालक पाने के लिए जायरीनों में होड़ मची रही। 


हसनी हुसैनी सोसायटी 100 किलो वजनी मश्क ए सकीना को सजाकर बाकायदा जुलूस की शक्ल में नारे लगाते हुए ख्वाजा साहब की दरगाह पहुंची। इस दौरान उन्होंने अकीदत के साथ मश्क ए  सकीना को ख्वाजा साहब की बारगाह में पेश किया। खादिम सैय्यद फजले मोइन चिश्ती की कयादत में जुलूस दरगाह पहुंचा। सोसाइटी के रियासती सदर मोहम्मद सोहेल ने  बताया कि उनकी सोसायटी की जानिब से हर साल उर्स के मौके पर अलग अंदाज में कुछ पेश किया जाता है। पिछले 6 सालों से उनका प्रोग्राम लगातार चल रहा है। 


 

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