मुहिम का पुरजोश अंदाज़ में किया ख़ैर-मक़्दम
हलक़े के कैडर ने बड़ी तादाद में की शिरकत
✅ नई तहरीक : रायपुर
28 अगस्त, बरोज़ इतवार को मुहिम की लॉंचिंग तक़रीब से ऐलान किया गया मोरालिटी इज फ्रीडम। जमात-ए-इस्लामी हिंद, शोबा ख़वातीन की जानिब से सितंबर महीने में चलाई जाने वाली नेशनल कंपेनिंग है। सोसायटी में गिरते अख़लाक़ी इक़दार और ख़वातीन के अदम तहफ़्फ़ुज़ से जराइम का रेशो लगातार बढ़ रहा है।ख़वातीन की हक़ीक़ी आज़ादी उनके तहफ़्फ़ुज़-ओ-बुनियादी हुक़ूक़ की हिफ़ाज़त के मुताल्लिक़ जमात-ए-इस्लामी हमेशा से सरगर्म अमल रही है। अख़लाक़ी मुहासिन आज़ादी के ज़ामिन एक माह लगातार ख़वातीन के सुलगते मसाइल पे बेदारी की हर मुम्किन कोशिश करना, जमात के कैडर की अहम ज़िम्मेदारी में शुमार है।
लॉंचिंग प्रोग्राम के कलीदी ख़िताब में नेशनल सेक्रेटरी रज़ी अल्लाह अल इस्लाम ने इन्सानी हुक़ूक़ के लगातार इस्तिहसाल (शोषण) के बाद (यूनो) के इन्सानी हुक़ूक़ के चार्टर को मुरत्तिब करने और आजादी के नाम पर तबाहकारीयों के लर्ज़ाखेज़ अंजाम के साथ इस्लामी अख़लाक़ी-ओ-बुनियादी हुक़ूक़ और उसकी रोशन तारीख़ के नुमायां पहलूओं पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, अख़लाक़ के वसीअ तसव्वुर आज़ादी को समाज में आम करना, वक़्त की अहम तरीन ज़रूरत है।
सूबा छत्तीसगढ़ के डायरेक्टर रिज़वान अल रहीम ने नौजवान व टीन एज बच्चों का अख़लाक़ी बदहाली में मुबतला होने के ख़तरनाक अंजाम की तरफ़ निशानदेही की। मुहिम को सरगर्म-ओ-फ़आल बनाने के लिए सूबा छत्तीसगढ़ के तमाम शोबों के ज़िम्मेदारान को मुतहरिक व इंतिज़ामीया उमूर (प्रचार व प्रशासनिक मामले) में मुस्तैदी के साथ इंतिज़ामात को सँभालने की ताकीद की।
मर्कज़ी मुशावरती कमेटी मेंबर फ़ाखिरा तबस्सुम ने अपने तक़रीरी उनवान "हिन्दुस्तानी समाज में तवज्जा तलब नक़ात पर बात करते हुए बैन उल मज़ाहिब में गुफ़्तगु रखने के मूसिर बातों पर रोशनी डाली। उन्होंने तास्सुब-ओ-असबीयत से परे मुहब्बत-ओ-हम-आहंगी का रवैय्या इख़तियार करने पर ज़ोर दिया।
नाज़िमा हलक़ा सुल्ताना परवीन ने मुहिम की ज़रूरत-ओ-इफ़ादीयत पर गुफ़तगू की। प्रोग्राम की निज़ामत सीआईओ की ज़ोनल सेक्रेटरी जुवेरिया बानो ने बख़ूबी अदा की। स्टेट मुहिम कन्वीनर नुज़हत आबिदा ने मुहिम का ख़ाका-ओ-सरगर्मीयां बताते हुए मुहिम का मुख़्तसर तआरुफ़ पेश किया।
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