सफर उल मुजफ्फर - 1446 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
जिसने अस्तग़फ़ार को अपने ऊपर लाज़िम कर लिया अल्लाह ताअला उसकी हर परेशानी दूर फरमाएगा और हर तंगी से उसे राहत अता फरमाएगा और ऐसी जगह से रिज़्क़ अता फरमाएगा जहाँ से उसे गुमान भी ना होगा।
- इब्ने माजाह
✅ बर्मिंघम, लंदन : आईएनएस, इंडिया
बर्तानिया के शहर बर्मिंघम की एक सड़क पर गुजिशता रोज़ से सैकड़ों मुस्लमान जमा हैं। बर्तानिया में एक हफ़्ते से बदअमनी और हंगामा-आराई और सोशल मीडीया के ज़रीया मुस्लिम पनाह गुजीं के ख़िलाफ़ अफ़्वाहसाज़ी का सिलसिला जारी है। इस सूरत-ए-हाल की वजह से लीवरपूल शहर से 27 किलोमीटर दूर वाके क़स्बे साऊथ पोर्ट में 3 छोटी लड़कीयों का कत्ल कर दिया गया।बर्मिंघम शहर की सड़क पर मौजूद अफ़राद में ज़्यादातर ने मास्क लगा रखा था और अपना सर ढाँपा हुआ था। उनमें बाअज़ (कुछ) ने फ़लस्तीनी पर्चम भी उठाया हुआ था। इन अफ़राद ने एक मस्जिद के गिर्द हिफ़ाज़ती हलक़ा भी बनाया हुआ था ताकि उसे गुजिश्ता मंगल के रोज़ होने वाले मुज़ाहिरे के ख़तरे से महफ़ूज़ रखा जा सके। ये मुज़ाहरा इंतिहाई दाएं बाज़ू की जमातों की तरफ़ से मुनाक़िद किया जाने वाला था। इसी तरह दर्जनों अफ़राद को मुक़ामी इस्लामिक सेँटर के गिर्द पहरा देते हुए देखा गया। मुक़ामी दुकानदारों ने मुम्किना तौर पर तशद्दुद वाक़ियात के अंदेशे के सबब अपनी दुकानें बंद रखी हुई थी। इससे कब्ल बर्तानिया के जुनूब मग़रिबी शहर प्लेमथ में इंतिहाई दाएं बाज़ू के मुज़ाहिरीन और नसली इमतियाज़ के मुख़ालिफ़ीन के दरमयान तसादुम हुआ था। इस दौरान में झड़पों के नतीजे में तीन पुलिस आफ़िसरान ज़ख़मी हो गए जबकि छः अफ़राद को गिरफ़्तार किया गया था।
बर्मिंघम शहर में इकट्ठा होने वाले मुस्लमान नारा-ए-तकबीर का नारा बुलंद कर रहे थे। बर्तानवी मीडीया की ज़्यादातर रिपोर्टों में इन एहितजाजी मुज़ाहिरों पर तशवीश का इज़हार किया गया है जो दाएं बाज़ू के इंतिहापसंद अनासिर की जानिब से मुल्क में मुहाजिरीन और मुस्लमानों के ख़िलाफ़ किए जा रहे हैं। इन मुज़ाहिरों का इनइक़ाद इंग्लिश डिफेंस लीग की जानिब से किया जा रहा है। इस हवाले से पार्लियामेंट की रुकनीयत के लिए एक साबिक़ आज़ाद उम्मीदवार शकील अफ़्सर ने अपने साथी मुस्लमानों पर ज़ोर दिया कि घरों से ना निकलें और दाएं बाज़ू के शिद्दत पसंदों से मुक़ाबला ना करें क्योंकि शिद्दत-पसंद उन्हें अपने मुक़ाबले पर लाना चाहते हैं।
सोशल मीडीया प्लेटफार्म पर जारी एक विडियो में पाकिस्तानी नज़ाद शकील ने कहा कि हमें चाहिए कि दाएं बाज़ू वालों को वो ना दें, जो वो चाहते हैं, जब वो शहर के मराकज़ का रुख करें तो हमें वहां जा कर उनके मुक़ाबले की ज़रूरत नहीं, हाँ अगर वो मस्जिद के बाहर एहतिजाज का ऐलान करें तो फिर आपको हक़ है कि मस्जिद में जाएं वहां नमाज़ अदा करें और अपनी मस्जिद का दिफ़ा करें।
0 टिप्पणियाँ