इमाम ने भाजपा नवाज़ शख़्स की नमाज़ जनाज़ा पढ़ाने से किया इंकार, इमाम मस्जिद के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा

मोहर्रम-उल-हराम - 1446 हिजरी

  हदीस-ए-नबवी ﷺ  

तुम कयामत के दिन सबसे बद तरीन उस शख्स को पाओगे जो दोगला है। यानि एक जगह कुछ कहता है और दूसरी जगह कुछ और।

- मिश्कवात शरीफ

✅ मुरादाबाद : आईएनएस, इंडिया

एक इबरतनाक ख़बर सामने आई है कि इमाम मस्जिद ने बीजेपी हामी (समर्थक) की नमाज़ जनाज़ा पढ़ाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद इमाम मस्जिद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। यूपी के मुरादाबाद में कुंदरकी स्टेशन मस्जिद के इमाम ने अली दाद ख़ान (75) साल को बीजेपी का हामी बताते हुए उसकी नमाज़ जनाज़ा पढ़ाने से इंकार कर दिया। नतीजतन पुलिस ने इमाम मस्जिद के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली है। 
    मुतवफ़्फ़ी (मरहूम) भाजपा नवाज़ के बेटे की शिकायत पर डीएम ने एसडीएम को मौक़ा पर भेजा और मुआमले की जांच कराई। मुआमले में इमाम मुफ़्ती मुहम्मद राशिद और मस्जिद कमेटी से वाबस्ता नगर पंचायत के साबिक़ सदर के शौहर समेत पाँच लोगों के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज किया गया है। कुंदरकी नगर में रहने वाले एक किसान दिल नवाज़ ख़ान ने बताया कि 23 जुलाई को उनके वालिद अली दाद ख़ान, दिल का दौरा पड़ने से इंतिक़ाल कर गए। वो स्टेशन मस्जिद के मौजूदा इमाम को नमाज़ जनाज़ा पढ़ाने के लिए बुलाने गए। दिलनवाज़ के मुताबिक़ इमाम ने उनसे कहा कि उनके वालिद बीजेपी के हामी थे, उनका ख़ानदान बीजेपी को वोट देता है, हम आपके कुछ काम नहीं आएँगे। 
    दिलनवाज़ का कहना है कि मस्जिद कमेटी से वाबस्ता नगर पंचायत के साबिक़ सदर के शौहर मुहल्ला के रहने वाले असलम ख़ान, शमीम ख़ान, शराफ़त ख़ान और मतीन ख़ान के कहने पर मौलाना साहिब ने ऐसा किया था। उन्हीं के कहने पर इमाम मस्जिद मुफ़्ती मुहम्मद राशिद मुक़ीम ने नमाज़ जनाज़ा नहीं पढ़ाई। भाजपा नवाज़ के बेटे दिलनवाज़ का कहना है कि मुल्ज़िमान ने उन्हें और उनके अहिल-ए-ख़ाना को जान से मारने की धमकीयां दी हैं। उसका ख़ानदान अब शहर में अकेला है। उनकी तीन बहनें, बीवी और दो छोटे बच्चे हैं और उनके ख़ानदान समेत उनकी जान को ख़तरा है क्योंकि ये लोग समाजवादी पार्टी के ताक़तवर लोग हैं। 
    उसी बीच दिलनवाज़ ख़ान के बहनोई ने नमाज़ जनाज़ा पढ़ाई, फिर मय्यत को क़ब्रिस्तान में सपुर्द-ए-ख़ाक किया गया। दिलनवाज़ ख़ान ने जज़बाती अंदाज़ में मीडीया से बात करते हुए कहा कि उनके वालिद बीजेपी के हामी थे और बीजेपी को वोट देते थे, इसलिए मुल्ज़िम पार्टी के लोग उनके ख़ानदान को ग़ैर इस्लामी समझते हैं। स्टेशन मस्जिद के इमाम मुफ़्ती मुहम्मद राशिद ने इल्ज़ामात को बे-बुनियाद क़रार देते हुए कहा कि अली दाद मज़हब इस्लाम के ख़िलाफ़ बयानात दिया करता था, इसलिए वो बज़ात-ए-ख़ुद मुतवफ़्फ़ी की तदफ़ीन में शरीक नहीं हुए। जहां तक नमाज़ जनाज़ा पढ़ने का सवाल है तो उसके रिश्तेदार ने नमाज़ जनाज़ा पढ़ाई है जो कि मुतवफ़्फ़ी के अहिल-ए-ख़ाना का पहला हक़ होता है। इमाम मस्जिद ने कहा कि उनका सियासत से कोई ताल्लुक़ नहीं है, लेकिन शरारत अंगेज़ तरीक़े से मुतवफ़्फ़ी अली दादा ख़ान के बेटे दिलनवाज़ ने एक सियासी मसला बना दिया है, जो काबिल-ए-मुज़म्मत है।

मुस्लिम मोहल्ले से डर लगता है, बीजेपी रहनुमा का  बयान 

गया, पटना :  गया में बीजेपी के एक रहनुमा ने मुस्लमानों के ताल्लुक़ से मुतनाज़े (विवादित) बयान दिया है। शहर गया में वाके एक मुस्लिम अक्सरीयती मुहल्ला करीमगंज को बीजेपी रहनुमा ने रोहंगया मुस्लमानों की पनाह-गाह क़रार देने के साथ कहा कि उन्हें करीमगंज से डर लगता है। वो करीमगंज से मुत्तसिल (लगे हुए) इलाक़े में रहते हैं, डर लगता है कि फ़तवा जारी ना हो जाए जिसके बाद उनका कत्ल कर दिया जाए। 
    दरअसल बीजेपी रहनुमा एडवोकेट मुकेश सिंह नगर म्यूनसिंपल कारपोरेशन के डिप्टी मेयर चिंता देवी के एक बयान पर प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे थे। डिप्टी मेयर चिंता देवी ने बीजेपी के गया रुक्न असेंबली-ओ-रियास्ती वज़ीर डाक्टर प्रेम कुमार के उस बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि कारपोरेशन में बदकिस्मती से ख़राब लोग जीत आकर आ गए हैं, के जवाब में बीजेपी रहनुमाओं ने प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई थी जिसमें नगर निगम के काउंसलरों की लड़ाई को मुस्लमानों से जोड़ दिया गया, एक मुस्लिम मुहल्ले के बाशिंदों को रोहंगया मुस्लमान क़रार दिया गया और उन्हें तशद्दुद करने वाला बताया गया। 
    दरअसल बीजेपी रहनुमा करीमगंज पर इसलिए हमला-आवर हैं क्योंकि साबिक़ डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव को इस बार ज़िमनी इंतिख़ाब में उस मोहल्ले से जीत हासिल हुई है। उन्हें अपने रिवायती वार्ड 11 से शिकस्त होने के बाद वार्ड 26 के काउंसलर इबरार अहमद उर्फ़ भोला मियां ने इस्तीफ़ा पेश कर ज़िमनी इंतिख़ाब में मोहन श्रीवास्तव को उम्मीदवार बना कर जीत से हमकनार कराया था। इबरार अहमद उर्फ़ भोला मियां की शबीहा (छवि) एक दबंग शख़्स के तौर पर रही है। भोला मियां का मुस्लिम वार्ड 25 और 26 पर अच्छी पकड़ है और यहां इन वार्डों से कई बार वो बिला मुक़ाबला जीत दर्ज कर चुके हैं, इस बार भी उन्हों ने वार्ड 26 से बिला मुक़ाबला जीत दर्ज की थी जबकि वार्ड 25 से उनकी अहलिया वार्ड काउंसलर हैं। 
    इबरार अहमद ने अपने वार्ड में इस्तीफ़ा देकर मोहन श्रीवास्तव को काउंसलर बनवाया था, लेकिन अब बीजेपी के रहनुमाओं की जानिब से म्यूनसिंपल कारपोरेशन के अवामी नुमाइंदों और वज़ीर के दरमयान की लड़ाई को फ़िर्कावाराना रंग देने की कोशिश की जा रही है।



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