जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
जिसने अस्तग़फ़ार को अपने ऊपर लाज़िम कर लिया अल्लाह ताअला उसकी हर परेशानी दूर फरमाएगा और हर तंगी से उसे राहत अता फरमाएगा और ऐसी जगह से रिज़्क़ अता फरमाएगा जहाँ से उसे गुमान भी ना होगा।
- इब्ने माजाह
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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
मंगल के रोज़ सिफ़ारतकारों ने बताया कि इस साल हज के दौरान कम अज़ कम 550 आज़मीन की अम्वात हुई हैं, जिनकी बेशतर वजह इस साल पड़ने वाली शदीद गर्मी थी। मरने वालों में से कम अज़ कम 323 मिस्री बाशिंदे और करीब 68 बाशिंदे हिंदूस्तान के और 60 अर्दन के हैं। सिफ़ारतकारों ने न्यूज एजेंसी एएफ़पी को बताया कि मरने वालों में से ज़्यादातर गर्मी से मुताल्लिक़ा बीमारीयों का शिकार हुए थे।सिफ़ारतकारों में से एक ने बताया कि सिवाए एक के इन सब (मिस्री की मौत गर्मी की वजह से हुई। एक सिफ़ारतकार ने मज़ीद कहा कि अम्वात की कुल तादाद मक्का के अस्पताल के मुर्दा ख़ाने से सामने आई है। एएफ़पी के आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़, अम्वात की नई तादाद से मुतअद्दिद ममालिक में अब तक रिपोर्ट होने वाली कुल तादाद 577 हो गई है। गुजिश्ता माह शाइआ होने वाली एक सऊदी तहक़ीक़ के मुताबिक़, आब-ओ-हवा की तबदीली से हज पर तेज़ी से असर पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस इलाक़े में इबादात की जाती हैं, वहां दर्जा हरारत हर दहाई में 0.4 डिग्री सेल्सियस 0.72 डिग्री फारेन हाईट बढ़ रहा है।
उसी बीच मंगल को मिस्र की वज़ारत-ए-ख़ारजा ने कहा था कि क़ाहिरा हज के दौरान लापता होने वाले मिस्रियों की तलाश के लिए सऊदी हुक्काम के साथ तआवुन कर रहा है। अगरचे वज़ारत के एक बयान में कहा गया है कि मौत की एक ख़ास तादाद वाके हुई है, लेकिन उसने ये वाजेह नहीं किया कि क्या उनमें मिस्री भी शामिल हैं। सऊदी हुक्काम ने गर्मी का शिकार होने वाले 2,000 से ज़ाइद हुज्जाज का ईलाज करने की इत्तिला दी थी। लेकिन इतवार के बाद से उन आदाद-ओ-शुमार को अपडेट नहीं किया है और ना ही अम्वात के बारे में मालूमात फ़राहम की हैं। गुजिश्ता साल मुख़्तलिफ़ ममालिक की जानिब से कम अज़ कम 240 अफ़राद के इंतिक़ाल की इत्तिला दी गई थी, जिनमें से ज़्यादा-तर का ताल्लुक़ इंडोनेशिया से था।
एएफ़पी के सहाफियों ने पीर के रोज़ मक्का के बाहर मीना में हुज्जाज को अपने सिरों पर पानी की बोतलें उंडेलते हुए देखा था। इस दौरान रज़ाकारों ने उन्हें ठंडा रहने में मदद के लिए कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम तक़सीम की थी। सऊदी हुक्काम ने आज़मीन को छतरी इस्तिमाल करने, वाफ़र मिक़दार में पानी पीने और दिन के गर्मतरीन औक़ात में सूरज की रोशनी में जाने से गुरेज़ करने का मश्वरा दिया था। लेकिन हज के बहुत से मनासिक में दिन के वक़्त घंटों बाहर रहना शामिल है। इसलिए मुकम्मल तौर पर इन मश्वरों पर अमल मुम्किन नहीं है। कुछ हुज्जाज ने एंबुलेंस को सड़क के किनारे लाशों को उठाते हुए देखा। सऊदी हुक्काम के मुताबिक़, इस साल तक़रीबन 18 लाख आज़मीन-ए-हज्ज ने ये मुक़द्दस फ़रीज़ा अदा किया जिन में से 16 लाख का ताल्लुक़ बैरूनी मुल्कों से था। हर साल हज़ारों अफ़राद गै़रक़ानूनी ज़राइआ से हज करने की कोशिश करते हैं क्योंकि वो सरकारी हज वीज़ों के अक्सर महंगे तरीका-ए-कार के मुतहम्मिल नहीं होते। इस तरीक़े से दस्तावेज़ात से महरूम आज़मीन को ख़तरा लाहक़ होता है क्योंकि वो हज के रास्ते में सऊदी हुक्काम की तरफ़ से फ़राहम करदा एयर कंडीशंड सहूलयात तक रसाई हासिल नहीं कर सकते।
गैर कानूनी हज करने वालों की वजह से बढ़े आंकड़े
मंगल को एएफ़पी से बात करने वाले सिफ़ारत कारों में से एक ने कहा कि मिस्री शहरियों की अम्वात की तादाद में इज़ाफ़ा क़तई तौर पर ग़ैर रजिस्टर्ड मिस्री आज़मीन-ए-हज्ज की बड़ी तादाद की वजह से हुआ है। मिस्र के हज मिशन की निगरानी करने वाले एक मिस्री अहलकार ने कहा कि गै़रक़ानूनी अफ़राद की वजह से मिस्री आज़मीन के कैम्पों में बहुत अफ़रातफ़री फैल गई, जिसकी वजह से ख़िदमात मुअत्तल हो गईं। इस माह के शुरू में, सऊदी हुक्काम ने कहा था कि उन्होंने हज से कब्ल लाखों ग़ैर रजिस्टर्ड अफ़राद को मक्का से निकाल दिया है। इस साल हज के दौरान अम्वात की इत्तिला देने वाले दीगर ममालिक में इंडोनेशिया, ईरान और सेनेगाल शामिल हैं। ज़्यादातर ममालिक ने ये वाज़िह नहीं किया है कि गर्मी से कितनी अम्वात हुई हैं।सऊदी अरब के वज़ीर-ए-सेहत फ़हद बिन अबदुर्ररहमान ने मंगल को कहा कि हज के दौरान सेहत के मंसूबे कामयाबी के साथ अंजाम पाए हैं। सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी ने रिपोर्ट किया है कि इस प्लानिंग से बीमारीयों के फैलने और सेहत आम्मा के दीगर ख़तरात को रोका गया है।