जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
तुम जहां भी हो, अल्लाह से डरते रहो और बुराई सरजद हो जाने के बाद नेकी करो ताकि वो उस बुराई को मिटा दे और लोगों के साथ हुश्ने इख्लाक से पेश आओ।
- जामह तिर्मिजी
---------------------------
✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
मक्का में क़ानून नाफ़िज़ करने वाले इदारे के अहलकारों ने चार अफ़राद को जाली हज वीज़े और परमिट फ़रोख़त करने के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार किया है। सऊदी न्यज एजेंसी के मुताबिक़ गिरफ़्तार लोगों में दो पाकिस्तानी और दो सऊदी शहरी शामिल हैं।
मुल्ज़िमान के कब्जे से ख़तीर रक़म, मोबाइल की सिम, नक़ली मोहरें और लैपटॉप बरामद हुए हैं। मुल्ज़िमान सोशल मीडीया के ज़रीये लोगों को अपने जाल में फाँसते थे जिसके बाद उनसे रक़म लेकर जाली हज वीज़े पर परमिट देते थे। चारों मुल्ज़िमान के ख़िलाफ़ जालसाज़ी का मुक़द्दमा दर्ज कर उन्हें प्रासीक्यूशन के हवाले कर दिया गया है, जहां मज़ीद तहक़ीक़ात के बाद केस फ़ौजदारी अदालत के सुपुर्द किया जाएगा।
बिना इजाज़त हज करने वाले गुनाह के मुर्तक़िब होंगे : मुफ़्ती-ए-आज़म सऊदी अरब
सऊदी अरब के मुफ़्ती-ए-आज़म, सीनीयर उल्मा की काउंसिल के चेयरमैन और इलमी तहक़ीक़ और फ़तवा के सदर शेख़ अबदुल अज़ीज़ उल शेख़ ने सन 1445 हिज्री के लिए तमाम हुज्जाज किराम से कहा है कि वो हिफ़ाज़ती तदाबीर पर सख़्ती से अमल करें।
सरकारी हिदायात में सबसे पहले हज परमिट हासिल करना और वज़ारत-ए-सेहत की तरफ़ से ऐलान करदा वैक्सीन हासिल करने का अह्द करना शामिल है। उन्होंने ज़ोर दिया कि बग़ैर इजाज़त के हज करने वाला गुनाहगार होगा। बग़ैर इजाज़त हज पर जाना जायज़ नहीं है। ये शरीयत के मतलूबा मुफ़ादात के मुताबिक़ है। उन्होंने कहा कि मसाले को बेहतर करना और बुराई को दूर करना शरीयत में शामिल है।
मुफ़्ती-ए-आज़म ने कहा कि दानिशमंद क़ियादत और ममलकत ने हज के मुताल्लिक़ ज़वाबत और हिदायात बनाए हैं जिनका मक़सद आज़मीन के इस्तिक़बाल को आसान बनाना और उनका इंतिज़ाम करना, उन्हें हर तरह के आराम-ओ-आसाइश फ़राहम करना और उन्हें आसानी के साथ इबादात की अदायगी में मदद करना है। ममलकत सऊदी अरब की हुकूमत ने दोनों मुक़द्दस मसाजिद, इस्लाम और मुस्लमानों की देख-भाल में कोई कसर नहीं है।
हज ज़वाबत की ख़िलाफ़वरज़ी करने पर नौ गिरफ़्तार, 10 हज़ार रियाल फी कस जुर्माना और क़ैद
सऊदी वज़ारत-ए-दाख़िला का कहना है हज सिक्योरिटी फ़ोर्सिज़ ने हज ज़वाबत (कानून) और परमिट की ख़िलाफ़वरज़ी करने वाले 9 अफ़राद को मक्का के दाख़िली रास्तों पर गिरफ़्तार किया है। सरकारी न्यूज एजेंसी एसपीए के मुताबिक़ ज़ेर-ए-हिरासत अफ़राद में दो ग़ैरमुल्की जबकि सात सऊदी शहरी शामिल हैं जो 49 अफ़राद को गै़रक़ानूनी तरीक़े से मक्का मुकर्रमा ले जाने की कोशिश कर रहे थे।
महिकमा पासपोर्ट एंड इमीग्रेशन 'जवाज़ात के सीज़नल तहक़ीक़ाती कमेटी ने उनके ख़िलाफ़ इंतिज़ामी फ़ैसले जारी किए। हर एक गै़रक़ानूनी शख़्स को 15 दिन की क़ैद और फी कस 10 हज़ार रियाल जुर्माना की सज़ा दी गई। इसके अलावा मुक़ामी ज़राइआ इबलाग़ में उनकी तशहीर भी की जाएगी। गिरफ़्तार ग़ैरमुल्कियों को सज़ा मुकम्मल होने के बाद ममलकत से बेदख़ल किया जाएगा। गै़रक़ानूनी अफ़राद की ट्रांसपोर्टेशन के लिए इस्तिमाल होने वाली दो गाड़ियां भी ज़बत की गई हैं।
वाजेह रहे कि सऊदी वज़ारत-ए-दाख़िला ने हज ज़वाबत पर अमल ना करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त सज़ाओं का ऐलान किया है। परमिट के बग़ैर हज सीज़न में मक्का मुकर्रमा जाने या गै़रक़ानूनी अफ़राद को ले जाने पर क़ैद और जुर्माने की सज़ा मुक़र्रर की है।
👇👇👇
For the latest updates of Islam
Please क्लिक to join our whatsapp group & Whatsapp channel
0 टिप्पणियाँ