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काबिल-ए-रश्क मौत, तवाफ़ अदा किया, फिर जान, जान आफ़रीन के सुपुर्द कर दी

जिल हज्ज-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी

तुम जहां भी हो, अल्लाह से डरते रहो और बुराई सरजद हो जाने के बाद नेकी करो ताकि वो उस बुराई को मिटा दे और लोगों के साथ हुश्ने इख्लाक से पेश आओ। 

- जामह तिर्मिजी

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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया 

उलार बया के मुताबिक़ मुहम्मद ज़हीर नामी 50 साला मलाईशीयन आजमीन-ए-हज गुजिश्ता बुध को सुबह 11 बजकर 40 मिनट में मक्का मुकर्रमा पहुंचे। मलाईशीयन आजमीन-ए-हज अपनी अहलिया के साथ मताफ़ पहुंचे जहां तवाफ़ किया और मसई की तरफ़ जा रहे थे कि अचानक गिर पड़े। ख़ुद को सँभाला, उठे, चंद क़दम आगे बढ़े और फिर गिर कर बेहोश हो गए।
    उनकी हालत देखकर फौरन हिलाल अह्मर की टीम को बुलाया गया, इमदादी टीम मौक़ा पर पहुंची मगर तब तक उनकी रूह परवाज़ कर चुकी थी। सबक़ वेबसाइट के मुताबिक़ मलाईशीयन आजमीन-ए-हज सुबह 11.40 पर मुक्का पहुंचे और ठीक 12 घंटे बाद रात 11.45 पर इंतिक़ाल कर गए। उन्हें किसी किस्म की कोई बीमारी नहीं थी ना कभी किसी मुस्तक़िल आरिज़े (स्थाई विकार) का उन्होंने शिकवा किया था। उनकी अहलिया ने बताया कि हमने बहुत ताख़ीर से हज के लिए दरख़ास्त दी थी और कोई उम्मीद नहीं थी कि हम हज पर जाएंगे। मगर अल्लाह की मशीयत कि ताख़ीर से दरख़ास्त जमा करने के बावजूद हम आ गए, क्योंकि उनकी मौत हरम शरीफ में लिखी थी।


हज सीज़न के लिए इंतिज़ामात मुकम्मल  

सऊदी अरब में मौसमियात के क़ौमी मर्कज़ ने इस साल के हज सीज़न 1445 हिज्री के लिए अपनी तैयारीयां मुकम्मल कर ली हैं। इस हवाले से महकमा-ए-मौसीमीयत ने ममलकत में हज के अय्याम में मौसम की मुसलसल निगरानी का आग़ाज़ किया है। 
    इस हवाले से महकमा-ए-मौसीमीयत के मर्कज़ ने दूसरे इदारों के इश्तिराक (शेयरिंग) से एक मश्क़ का एहतिमाम किया। इसके ज़रीये मर्कज़ का मक़सद मौसम के शदीद मज़ाहिर का मुक़ाबला करने और आला दर्जा हरारत से निमटने के लिए तैयारी करना, रिपोर्टिंग के तरीका-ए-कार को जाँचना और उनकी वाजेह और बरवक़्त आमद को यक़ीनी बनाना, नताइज का जायज़ा लेना और हंगामी हालात के लिए तैयारी को बेहतर बनाना है। 


पाकिस्तानी हाजियों को ग़ैर मेयारी खाना फ़राहम करने वाली छः कंपनियों पर लगा जुर्माना

पाकिस्तान हज मिशन (पीएचएम) ने मक्का मुकर्रमा में छः कैटरिंग कंपनियों पर 263,580 रियाल 71,000 डालर मालियत के 17 जुर्माने आइद किए हैं। इन कंपनियों से पाकिस्तानी आज़मीन को खाना फ़राहम करने का मुआहिदा किया गया था। 
    पाकिस्तान हज मिशन ने इमसाल सरकारी स्कीम के तहत हज अदा करने वाले तक़रीबन 70,105 आज़मीन के खाने की ज़रूरीयात पूरा करने के लिए नौ कैटरिंग कंपनियों को मुलाज़मत दी है। एसोसीएटड प्रेस आफ़ पाकिस्तान (एपीपी) ने पीएचएम के हुक्काम के हवाले से बताया कि ज़्यादातर जुर्माने मुआहिदे की बाअज़ शक़ों की ख़िलाफ़वरज़ी करने और बिला तातील फ़राहमी के बग़ैर हाजियों को बर वक़्त और हिफ़्ज़ान-ए-सेहत के मुताबिक़ खाने की फ़राहमी को यक़ीनी बनाने में नाकामी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिफ़्ज़ान-ए-सेहत के हालात और खाने के मेयार पर पीएचएम के अमले की गहिरी नज़र है और खाना बरवक़्त फ़राहम किया जा रहा है। एपीपी ने कहा कि ये सख़्त जांच पड़ताल खाने की फ़राहमी के इबतिदाई मरहले का एक लाज़िमी हिस्सा है जो तैयारी के मुकम्मल अमल को यक़ीनी बनाता है। उन्होंने कहा कि मेयारी खाना यौमिया 35 रियाल फ़ी शख़्स के हिसाब से फ़राहम किया जाता है। 
पीएचएम के ओहदेदारों ने बताया कि खाने के मुंतज़मीन उसकी तैयारी के दौरान और किचन की मुसलसल और चौबीस घंटे निगरानी कर रहे थे। जिन रिहायशी इमारात और होटलों में मिशन ने आज़मीन को रिहायश दी हुई है, वहां पहुंचने पर खाने के मेयार और मिक़दार का दुबारा जायज़ा लिया जाता था। रोज़ाना की फ़हरिस्त-ए-तआम में पाकिस्तानी और योरपी दोनों किस्म के खाने शामिल होते हैं जबकि रश से बचने के लिए खाना पेश करने के औक़ात लचकदार थे। फेहरिस्त-    ए-तआम में गोश्त, दालें, सब्जियां, चावल, दो किस्म की रोटी, दही, फल, मिठाईयां, चाय और पानी शामिल हैं। एपीपी ने कहा कि खाने के मुताल्लिक़ राय देने के तरीका-ए-कार में एक डीजीटल एप है, जिसे अब तक ख़ुराक से मुताल्लिक़ 506 शिकायात मौसूल हुईं और हल की गईं। 

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