जमी से मिलती है, न आसमां से, करम की भीख मिलती है तेरे आस्तां से, काबुली दरगाह में सूफियाना माहौल आज से

जीकाअदा-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ  

जो कोई इल्म की तलाश में किसी राह पर चलता है, अल्लाह ताअला उसके लिए जन्नत की राह आसान कर देता है। 

- इब्ने माजा

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हजरत बाबा अब्दुर्रहमान शाह काबुली रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्सपाक एकता उत्सव आज से 
सूफियाना माहौल में गुजरेंगे दिन-रात

✅ नई तहरीक : दुर्ग

हजरत बाबा अब्दुर्रहमान शाह काबुली रहमतुल्लाह अलैह, पुराना बस स्टैंड का सालाना उर्सपाक (एकता उत्सव) 29 मई से शुरू हो रहा है। 
    हजरत के 72वें उर्स मुबारक की तैयारियां तकरीबन मुकम्मल हो चुकी है। हजरत की दरगाह रियासत छत्तीसगढ़ में खासी मकबूल है। यही वजह है कि उर्सपाक में शिरकत करने रियासत छत्तीसगढ़ के अलावा दीगर रियासतों से भी अकीदतमंद तशरीफ लाते हैं और दरगाह के फुयूज-ओ-बरकात से फैजयाब होते हैं। इनमें सभी मजहब के लोग शामिल होते हैं। 

हम आहंगी का पैगाम देता है सालाना उर्स एकता उत्सव

    उर्स के दौरान अवामी नुमांईदे, सोशल वर्कर और सभी मजहब के लोग शामिल होकर आपसी भाईचारगी, हम आहंगी, मोहब्बत और कौमी यकजहती का पैगाम देते हैं। यही वजह है कि सालाना उर्स पाक कमेटी की जानिब से उर्स पाक को हर साल एकता उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। जिला, पुलिस और मुकामी हुक्काम की जानिब से उर्सपाक की कामयाबी के लिए हर मुमकिन मदद फराहम कराई जाती है। रिवायत के मुताबिक शहर विधायक, मेयर व महापौर की जानिब से उर्स से पहले तैयारियों का जायजा लिया जाकर मुताल्लिका महकमों के अहलकारों को जरूरी हिदायत दी जाती है ताकि अकीदतमंदों को कोई परेशानी न हो। 

पटवारी दरबार से आता है शाही संदल 

    उर्स पाक प्रोग्राम की शुरूआत हर साल पटवारी दरबार, छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) के संदल पेश करने से होती है। यह सिलसिला गुजिश्ता 52 सालों से जारी है जिसकी कयादत गंभीर सिंह जी चौधरी, साबिक विधायक, मध्य प्रदेश करते चले आ रहे हैं। 

नवाजी जाती है संदल व चादर झांकियां

सालाना उर्स पाक कमेटी के ज्यूरी बोर्ड की जानिब से हर साल संदल व चादर झांकियों को उनकी मुनज्जम तरीके, खूबसूरती और सादगी के लिए उन्हें इनाम-ओ-इकराम से नवाजा जाता है। 

दिलचस्पी का सबब होती है आतिशबाजी

हर साल उर्सपाक के मौके पर रजा फायर की जानिब से आतिशबाजी  जी है जिसे देखने के लिए कसीर तादाद में लोग मुंतजिर होते हैं। इस साल आतिशबाजी 30 मई को 9.30 बजे की जाएगी। उर्सपाक की कामयाबी के लिए सन 1952 से स्वर संगम साउंड सर्विस, जय दुर्गा लाइट डेकोरेशन व चावला किराए भंडार सालों से अपनी खदमात अंजाम दे रहे हैं। यह सिलसिला पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है। उर्सपाक की शुरुआत पर हर साल कमेटी के मरहूम अहलकारों को खिराजे अकीदत पेश किया जाता है।  
    मंच को आलीशान बनाने और मंच के जरिये सभी मजहब के तंई यकजहती का पैगाम देने मंच को सभी मजहबों की अलामत से सजाया जाता है। यह काम 15 सालों से बिलासपुर के अजीम बेग और उनकी टीम अंजाम दे रही है। दुर्ग ट्रांसपोर्ट कंपनी, पायल ट्रेवल्स और मुंतजमीन व दीगर कमेटी की जानिब से आम लंगर व पानी पिलाने का माकूल इंतेजाम किया जाता है। 

शाही संदल आज

उर्सपाक की शुरुआत 28 मई को बाद नमाज मगरिब दरगाह काबुली सरकार में परचम कुशाई से की गई। 29 मई को जामा मस्जिद के पास से रात 8 बजे शाही संदल निकाला जाएगा जो शहर का गश्त करता हुआ दरगाह पहुंचेगा। 30 मई को रात 10 बजे से आवेश जाहिद नाज़ा कव्वाल एंड पार्टी का मुकाबला इदरीश चिश्ती साबरी कव्वाल से होगा। इसी तरह 31 मई को अजीम नाजा कव्वाल एंड पार्टी का मुकाबला अनीस नवाब कव्वाल एंड पार्टी से होगा। 1 जून को मुराद आतिश कव्वाल एंड पार्टी का मुकाबला जुनैद सुल्तानी कव्वाल एंड पार्टी के साथ होगा।
    2 जून की सुबह 8 बजे कुल शरीफ की फातेहा होगी। सालाना उर्स पाक कमेटी के जनरल सेक्रेटरी रऊफ कुरैशी ने अवाम से तकरीब में ज्यादा से ज्यादा तादाद में शिरकत कर उर्स पाक को शहर की खुशनुमा रवायत में कामयाब बनाने की अपील की है। 

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