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हरम शरीफ में कद्दावर अफ़्रीक़ी जायरीन हासिल कर रहे लोगों की तवज्जा, एक और हिंदूस्तानी शहरी पैदल सफर कर पहुंचे मदीना

रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी

बदफाली शिर्क है

'' अब्बास रदि अल्लाह अन्हू से रवायत है कि नबी-ए-करीम ﷺ ने फरमाया, मेरी उम्मत के सत्तर हजार लोग बिना हिसाब के जन्नत में जाएंगे। ये वो लोग होंगे, जो झाड़-फूंक नहीं करते हैं और न शगुन लेते हैं। यानी अच्छे-बुरे शगुन में यकीन नहीं करते और अपने रब पर भरोसा करते हैं। ''
- सही बुखारी 
(तशरीह : शगुन यानि फालतू बातों में यकीन करके उस काम को छोड़ देना। जैसे काली बिल्ली रास्ता काट जाने से काम खराब हो जाएगा या घर से दही पीकर निकलने से काम अच्छा होगा, ये सब शुगुन में आता है, ऐसी बातों का यकीन नहीं करना चाहिए, क्यूंकि होता वही है, जो अल्लाह चाहता है।)

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हरम शरीफ में कद्दावर अफ़्रीक़ी जायरीन हासिल कर रहे लोगों की तवज्जा, एक और हिंदूस्तानी शहरी पैदल सफर कर पहुंचे मदीना

✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया

हरम मक्की शरीफ़ की मस्जिद में एक अफ्रीकी शख्स ने ज़ाइरीन को अपनी तरफ़ मुतवज्जा किया। उस शख़्स का एक वीडीयो क्लिप जो मस्जिद नबवी में ज़ाइरीन के दरमयान बड़े पैमाने पर गर्दिश रही थी। उस शख़्स की शिनाख़्त बाज़ाबता तौर पर ज़ाहिर नहीं की गई है, लेकिन उसकी जिल्द का रंग बताता है कि वो अफ़्रीक़ी है या अफ़्रीक़ी नसल का है और हो सकता है कि वो दुनिया के क़दआवर मर्दों में से एक हो। उस शख़्स की ऊंचाई, जो कि ढाई मीटर के क़रीब है, ने सबकी तवज्जा इस मुक़ाम पर खींच ली, जहां बहुत से ज़ाइरीन इबादत में मसरूफ़ थे। काअबा के तवाफ़ के दौरान उसके क़द का फ़र्क़ बाक़ी ज़ाइरीन में नुमायां तौर पर देखा जा सकता है।

हिन्दुस्तानी शहरी पैदल सफ़र कर आठ माह बाद पहुंच गया मदीना

हरम शरीफ में कद्दावर अफ़्रीक़ी जायरीन हासिल कर रहे लोगों की तवज्जा, एक और हिंदूस्तानी शहरी पैदल सफर कर पहुंचे मदीना

 रियाद : हिन्दुस्तानी शहरी सय्यद अली पैदल सफ़र कर आठ माह बाद मदीना मुनव्वरा पहुंच गए। अपने सफ़र का इख्तेताम उन्होंने हज की अदायगी से करने की ख़ाहिश ज़ाहिर की है। वली अहद शहज़ादा मुहम्मद बिन सलमान की तस्वीर वाली टी शर्ट पहने हिन्दुस्तानी शहरी ने सऊदी टीवी अलाख़बारीह से गुफ़्तगु करते हुए कहा कि सफ़र मुश्किल ज़रूर था लेकिन अल्लाह मदद करने वाला है।    

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    उन्होंने कहा कि मैं अल्लाह से मदद मांग रहा था और अल्लाह ने मेरी मदद की। हिन्दुस्तानी शहीरी सय्यद अली ने बताया कि नासिक से पैदल सफ़र का आग़ाज़ किया, इंडिया की मुख़्तलिफ़ रियास्तों महाराष्ट्र, गुजरात, राजिस्थान और हरियाणा से गुज़रते हुए दिल्ली से ईरान पहुंचा, वहां से इराक़ और फिर सऊदी अरब में दाख़िल हुआ। अब रियाद से मदीना मुनव्वरा पहुंचा हूँ। उन्होंने कहा कि हर मुल्क का अपना निज़ाम है जो अपने तौर पर दुरुस्त है। उन्होंने कहा कि मैं ईरान और इराक़ भी गया लेकिन मुझे सऊदी अरब का निज़ाम ज़्यादा अच्छा लगा। मुझे यहां कोई मुश्किल पेश नहीं आई  

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     उन्होंने बताया कि वो पहले भी मदीना मुनव्वरा आ चुके हैं। उन्होंने सऊदी हुकूमत की जानिब से ज़ाइरीन को दी जानी वाली सहूलतों पर शुक्रिया अदा किया। ख़्याल रहे कि हिन्दुस्तानी शहरी सय्यद अली वली अहद बिन सलमान के परस्तार (प्रशंसक) हैं, इसी परस्तारी के बाइस हिन्दुस्तानी शहरी ने वली अह्द की तस्वीर वाली टी शर्ट पहन रखी थी।


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