✒ देहरादुन : आईएनएस, इंडिया
उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपूरा में हालात धीरे-धीरे मामूल पर आ रहे हैं। इंतेजामिया की जानिब से कर्फ़यू में ढील दी जा रही है। इसी दौरान ये ख़बर भी आ रही है कि पुलिस के ख़ौफ़ से लोग अब अपना घर बार छोड़कर दूसरे शहर का रूख कर रहे हैं।रिपोर्ट के मुताबिक़ बनभूलपूरा में अब तक तकरीबन 300 ख़ानदान अपने घरों को ताले लगा कर यूपी के मुख़्तलिफ़ शहरों में चले गए हैं। नक़्ल-ए-मकानी का अमल अब भी जारी है। इतवार की सुबह (11 फरवरी 2024) को भी बहुत से लोगों को नकल मकानी करते देखा गया। ख़बर में बताया गया है कि मुक़ामी पुलिस ने फ़सादाद के सिलसिले में तफ़तीश के लिए सनीचर को बनभूलपूरा इलाक़े से कई लोगों को हिरासत में लिया था। इस दौरान पुलिस पर ताक़त के इस्तिमाल का इल्ज़ाम भी लगाया गया है। इतवार की सुबह 5 बजे से ही बरेली रोड पर कई ख़ानदानों को नकल मकानी करते देखा गया। वो 15 किलोमीटर पैदल सफ़र करके लाल कुँआं पहुंचे।
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जमई हिंद के वफद ने किया हल्द्वानी का दौरा
नई दिल्ली : सदर जमई हिंद, मौलाना अरशद मदनी की हिदायत पर जमई हिंद का एक पाँच रुकनी (सदस्यी) वफ़द (डेलीगेशन) ने 11 फरवरी को हल्द्वानी के फ़सादजदा इलाके का दौरा किया।वाजेह हो कि 8 फरवरी को हल्द्वानी के मुहल्ला मलिक के बाग़चा में मौजूद मस्जिद और मुदर्रिसा को नगर निगम और इंतेजामिया के ज़रीया ताक़त के ज़ोर पर मुनहदिम कर दिया गया है जिसके बाद वहां फ़साद फूट पड़ा था जिसके नतीजे में 6 बेगुनाह मुस्लिम नौजवान मुहम्मद जाहिद, मुहम्मद अनस, मुहम्मद फ़हीम, मुहम्मद शाबान की मौत हो गई। कर्फ़यू और इंतिज़ामीया की सख़्ती की वजह से फ़सादजदा इलाक़े में जाना मुमकिन नहीं हो पा रहा था इसके बावजूद 11 फरवरी को जमई हिंद का एक वफ़द वहां पहुंचकर जमई के मुक़ामी ज़िम्मेदारों से मुलाक़ात कर तफ़सीली मालूमात हासिल कीं। हल्द्वानी जमई के सदर मौलाना मुहम्मद मुक़ीम ने बताया कि 29 जनवरी को नगर निगम की तरफ़ से नोटिस जारी की गई थी, जिसकी वजह से मुक़ामी लोगों में काफ़ी तशवीश पाई जा रही थी। हमने हालांकि इंतेजामिया को ये यकीन दिलाया था कि 14 फरवरी को कोर्ट का फ़ैसला आने तक मस्जिद और मुदर्रिसा को सील ही रखा जाएगा और किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी, इसके बावजूद 8 फरवरी को मुक़ामी लोगों को एतिमाद में लिए बग़ैर भारी पुलिस फ़ोर्स के साथ सीलशुदा मस्जिद और मुदर्रिसा को मिस्मार कर दिया गया जिसके नतीजा में अवामी एहतिजाज शुरू हो गया। हालात काफी बिगड़ गए जिसके बाद इंतिज़ामीया ने बे दरेग़ ताक़त का इस्तिमाल शुरू कर दिया। फ़ोर्स ने बग़ैर किसी वार्निंग के गोली चला दी जिसके नतीजा में छः मुस्लिम नौजवान हलाक हो गए और काफ़ी ज़ख़मी हो गए।
वफ़द को लोगों ने बताया कि पुलिस फ़ोर्स सूझ-बोझ से काम लेती और मुक़ामी लोगों को एतमाद में लेकर कार्रवाई करती तो इस तरह के हालात को पैदा होने से रोका जा सकता था। लोगों ने बताया कि अब तक सौ से ज्यादा बे क़सूर लोग गिरफ़्तार हो चुके हैं और दहशत-ज़दा हज़ारों लोग नकल मकानी कर चुके हैं। वफ़द को मुक़ामी लोगों ने बताया कि 10 फरवरी को इंतेजामिया की तरफ़ से घरों में घुस कर नौजवानों को उठा लिया गया जिसकी वजह से एक बार फिर माहौल में कशीदगी पैदा हो गई। जमई हिंद के वफ़द ने मुक़ामी जमई के साथ एसडीएम परीतोष वर्मा, सीटी मजिस्ट्रेट रीचा सिंह और थाना प्रभारी नीरज से मुलाक़ात कर सूरते हाल से उन्हें वाक़िफ़ कराया और इस बात का मुतालिबा भी किया कि हालात पर फ़ौरी तौर पर कंट्रोल किया जाए और बे क़सूर लोगों की गिरफ़्तारी बद की जाए। इंतेजामिया के आला आफ़िसरान ने वफ़द की बातों और मुतालिबात को सुनने के बाद यक़ीन दहानी कराई कि किसी भी बे क़सूर और बे गुनाह के साथ कोई भेदभाव और ना इंसाफ़ी नहीं होने दी जाएगी।