✒ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया मौलाना अबुल कलाम आजाद
उन्होंने आगे कहा, जदीद हिन्दोस्तान को सिम्त देने में उनकी कोशिशें कौम की रहनुमाई करती रहेंगी। वहीं मौलाना आजाद को खिराज-ए-अकीदत पेश करते हुए कांग्रेस सदर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 100 साल पहले आज के दिन 1923 में मौलाना आजाद कांग्रेस के सदर बने थे। उनके यौम-ए-पैदाइश पर, हम कौम की तामीर, खासतौर पर तालीम के मैदान में उनकी जबरदस्त शराकत का जश्न मनाते हैं। कांग्रेस लीडर ने कहा कि आजाद, एक अजीम आजादी पसंद, माहिर-ए-तालीम और सियास्तदान थे, वो हम सब के लिए मुतास्सिरकुन हैं। खड़गे ने कहा कि कौमी यौम तालीम के मौका पर हम तमाम असातिजा, तलबा, हर स्कूल, कॉलेज और यूनीवर्सिटी के इंतिजामी अमले और उन तमाम लोगों को, जो रोजाना की बुनियाद पर हिन्दोस्तान के बुनियादी इल्म की तामीर में शामिल हैं, नेक खाहिशात का इजहार करते हैं। मोदी ने आजादी पसंद आचार्य जेबी कृपलानी को •ाी खिराज-ए-अकीदत पेश किया और कहा कि मैं आचार्य जेबी कृपलानी को उनकी यौम-ए-पैदाइश पर खिराज-ए-तहिसीन पेश करता हूँ। वो हिन्दोस्तान की लड़ाई के एक हकीकी आईकोन के तौर पर बड़े पैमाने पर काबिल-ए-एहतिराम हैं। उन्होंने हमारे मुल्क के ताने-बाने पर एक देरपा निशान छोड़ा। उनकी जिंदगी और काम हमेशा आजादी और इन्साफ की इकदार को बरकरार रखने के लिए रहे।