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अबुधाबी एयरपोर्ट का बदलेगा नाम, अल उला में बढ़ी टूरिस्ट की •ाीड़

अबूधाबी : आईएनएस, इंडिया 
अबूधाबी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम 9 फरवरी 2024 से शेख जाएद इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो जाएगा। अबूधाबी मीडीया आॅफिस ने रिपोर्ट में बताया कि एयरपोर्ट के इफ़्तिताही तकरीब (उदघाटन समारोह) के मौका पर यानी 9 फरवरी 2024 से एयरपोर्ट का नया नाम नाफिज उल अमल होगा। वली अहद अबूधाबी और एग्जीक्यूटिव काउंसिल के चेयरमैन शेख खालिद बिन मुहम्मद ने एयरपोर्ट के टर्मीनल का दौरा किया। 
अबुधाबी एयरपोर्ट का बदलेगा नाम, अल उला में बढ़ी टूरिस्ट की •ाीड़

    वाजेह रहे कि टर्मीनल ए का आॅपरेशनल इफ़्तिताह एक नवंबर 2023 को हुआ। टर्मीनल ए 742000 मुरब्बा मीटर पर मुहीत है और सालाना 45 मिलियन मुसाफिरों की आमद-ओ-रफत की गुंजाइश रखता है। यही नहीं, बैयकवक्त यहां 79 तय्यारे एयरपोर्ट पर मौजूद हो सकते हैं। टर्मीनल ए के इफ़्तिताह से कब्ल 8 हजार से जाइद रजाकारों ने एयरपोर्ट पर मुसाफिरों को मिलने वाली सहूलयात का जायजा लिया।

अल उला में बढ़ी टूरिस्ट की तादाद, बढ़ी आमदनी 

रियाद : सऊदी अरब के तारीखी और सयाहती मुकाम अल उला अपने मुल्क  के लिए बड़े पैमाने पर आमदनी का जरीया बन गया है। अल उला के रॉयल कमीशन के एक सीनीयर ओहदेदार ने बताया कि इस तारीखी शहर में आने वाला हर सय्याह (टूरिस्ट, पर्यटक) यहां औसत तीन रहता है और 560 डालर खर्च करता है। इस तरह एक सय्याह औसत 1680 डालर खर्च करता है। 
    आरसीयू के डेस्टीनेशन मार्केटिंग एंड मैनिजमेंट के नायब सदर रामी अल मालम ने बताया कि हालिया अरसे में दार-उल-हकूमत रियाद से हजार किलोमीटर से ज्यादा दूर पहाड़ों के दरमियान वाके नखलिस्तान की इस वादी का दौरा करने वाले सय्याहों की तादाद में इजाफा हुआ है। एजमथ म्यूजिक फेस्टीवल के मौका पर बात करते हुए रामी अल मालम ने बताया कि ये कस्बा मुकामी, इलाकाई और बैन-उल-अकवामी सय्याहों को अपनी तरफ मुतवज्जा कर रहा है। दुनिया-•ार से घूमने-फिरने वाले खाना-ब-दोश अफराद, निडर सय्याह, बाहौसला अफराद और ऐश-ओ-इशरत के दिलदादा अफराद अल उला का रख कर रहे हैं। 
    वाजेह रहे कि रॉयल कमीशन आफ अल उला यानी आरसीयू का कयाम 2017 में अमल में आया। उसके बाद सऊदी वली अहद शहजादा मुहम्मद बिन सलमान ने 2019 में मेगा टूरिस्ट प्रोजेक्ट्स का आगाज कराया। उसके बाद ये स्पाट लाइट में आया। अल उला सऊदी अरब का पहला यूनेस्को के आलमी सकाफ़्ती विरसे की फेहरिस्त में शामिल मुकाम है। ये एक ऐसी जगह है, जिसमें ऐसे मकबरे हैं, जो पहले हजार साल कब्ल मसीह के इखतेताम से लेकर पहली सदी ईसवी तक नबाताई शहर का हिस्सा थे। इस शहर में अब फ़्लाई दुबई के जरीया एक एयरपोर्ट •ाी बनाया गया है। ये मुत्तहदा अरब अमीरात के मालीयाती मर्कज को हफ़्ता में दो बार जोड़ता है। सऊदीया एयर लाईन के जरीया घरेलू परवाजें इस मुकाम को रियाद, जद्दा और दमान से जोड़ती हैं। यहां सितारे देखने के प्वाईंटस और सरगर्मियां हैं। हाईकिंग, बाईकिंग और जिÞप लाइनिंग की तफरीह •ाी इन सय्याहों को दस्तयाब है जो जो ऐडवेंचर और फितरत पर मबनी तजुर्बात के खाहां हैं। 
    अलमालम ने बताया कि सय्याहों की बढ़ती सालाना आमद को बरकरार रखने के लिए बनाया गया मुकामी हवाई अड्डे के साइज और राबते में अब तौसीअ की जाएगी। पेरिस से परवाज के अलावा काहिरा को •ाी फेहरिस्त में शामिल किया जाएगा। अल उला सयाहत (टूरिज्म) की मईशत (अर्थव्यवस्था) का एक बुनियादी मुहर्रिक बन गया है। सऊदी अरब के तेल की आमदनी पर इन्हिसार खत्म करने के बड़े मन्सूबों के मुताबिक (टूरिज्म) की शनाख़्त और सकाफ़्त को महफूज रखने के लिए आरसीयू की सलाहीयतों पर •ारपूर एतिमाद का मुजाहरा किया जा रहा है।


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