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गजा : 23 अस्पताल खाली कराने का हुक्म, सैंकड़ों मरीजों की जानों को खतरा : डब्ल्यूएचओ

गजा : 23 अस्पताल खाली कराने का हुक्म, सैंकड़ों मरीजों की जानों को खतरा : डब्ल्यूएचओ

न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया 

आलमी इदारा-ए-सेहत (डब्लयूएचओे) के सरबराह ने जुमेरात, 2 नवंबर को कहा है कि गजा की पट्टी में अस्पतालों को जबरी तौर पर खाली कराने से सैंकड़ों मरीजों की जिंदगियां खतरे में पड़ जाएगी। डब्लयूएचओ के सरबराह टेडरोस गेबरेस ने जिनेवा में सहाफियों को बताया कि गजा शहर और शुमाली गजा में 23 अस्पतालों को खाली करने का हुक्म दिया गया है। उन्होंने इंतिबाह े(खबरदार) किया कि इन हालात में जबरी इन्खिला सैंकड़ों मरीजों की जानों को खतरे में डाल देगा। 
    टेडरोस ने हजारों जख्मियों की मदद के लिए इसराईल-हम्मास जंग में इन्सानी बुनियादों पर वकफे के मुतालिबे का •ाी इआदा किया। डब्ल्यूएचओ के आला ओहदादार ने ये तबसरे, जिनेवा में एक मीडीया ब्रीफिंग में गजा और इसराईल की सूरत-ए-हाल के बारे में गुफ़्तगु के दौरान किए। उन्होंने कहा कि दोनों तरफ से (इसराईली और फलस्तीनीे) 21 हजार अफराद जखमी हैं और गजा में 14 लाख अफराद बे-घर हो चुके हैं। टेडरोस ने बताया कि 7 अक्तूबर को इसराईल पर हम्मास के हौलनाक हमलों के बाद से अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं जिनमें 8500 से ज्यादा गजा और 1400 इसराईल में हैं। उन्होंने ये •ाी कहा कि इसराईल और गजा दोनों मुकामात पर हलाक होने वालों में 70 फीसद खवातीन और बच्चे हैं। डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल ने इस पर जोर दिया कि लड़ाई में कम अज कम इन्सानी बुनियादों पर वकफे े(बे्रक) और आरिजी तौर पर जंग बंदी की जरूरत है। उन्होंने दोनों फरीकों को पहुंचने वाले जानी नुक़्सान पर बात करते हुए कहा कि मैं वाजेह कर दूं कि हम्मास के इसराईल पर हौलनाक हमलों का कोई जवाज नहीं हो सकता। मैं इसराईली और फलीस्तीनी अवाम के गम, गुस्से और खौफ को समझता हूँ। डब्ल्यूएचओ के एमरजेंसी प्रोग्राम के सरबराह माईक रयान ने मौजूदा सूरत-ए-हाल में डब्लयूएचओ और सेहत के दीगर इदारों और कारकुनों को दरपेश दुश्वारियों के बारे में बात करते हुए कहा कि अगर आलमी बिरादरी, डब्लयूएचओ और दीगर बैन-उल-अकवामी अमले और बैन-उल-अकवामी फील्ड अस्पतालों को गजा में लाए तो उनकी हिफाजत की जमानत होनी चाहिए और काबिज ताकत को •ाी ऐसा ही करना चाहिए। 
    उन्होंने ये •ाी कहा कि ऐसा करने का बेहतरीन तरीका मौजूदा निजाम की हिमायत करना है लेकिन हम इसमें फरीक नहीं बनेंगे। हम डाक्टर हैं, हम नर्सें हैं, हम फार्मासिस्ट हैं, हम लैब टेक्नीशन हैं, पोर्टर हैं, ड्राईवर हैं। हमारा काम जान बचाना है, यही हमारा वाहिद काम है।

फलस्तीनी मरीजों को तुरकिया मुंतकिल करने के लिए करेंगे तआवुन : वजीर-ए-सेहत

अंकरा : वजीर-ए-सेहत फखर उद्दीन कूजा ने कहा कि वो तुरकिया, फलस्तीन खैर सगाली हस्पताल से मरीजों की तुरकिया मुंतकली (शिफ्टिंग) में हर तरह की मदद फराहम करने के लिए तैयार हैं, जिसे इसराईली हमलों के नतीजे में गजा में अपना आॅप्रेशन बंद करना पड़ा था। अपने सोशल मीडीया एकाऊंट पर अपने बयान में कूजा ने इस बात पर जोर दिया कि बैन-उल-अकवामी बिरादरी को जानबूझ कर मरीजों को मरने और उनकी जान बचाने के दरमियान इंतिखाब करना होगा। 
    वजीर-ए-सेहत ने बताया कि मुताल्लिका इदारों और आलमी बिरादरी से हमारी तमाम तंबीहात और अपीलों के बावजूद गजा में काम करने वाले तुर्क-फलस्तीनी खैर सगाली हस्पताल का ईंधन खत्म होने और इसराईल के जारी हमलों के नतीजे में कल अपना काम मुकम्मल तौर पर बंद करना पड़ा। उन्होंने कहा कि तुरकिया के तौर पर, हम कैंसर मरीजों के ईलाज के लिए हर तरह की मदद फराहम करने के लिए तैयार हैं, जिन्हें हस्पताल से फारिग करने पर मजबूर किया गया था, क्योंकि वहां कोई जराइआ दस्तयाब नहीं थे। वजीर-ए-सेहत ने इस बात की निशानदेही करते हुए कि वो बैन-उल-अकवामी बिरादरी और मुताल्लिका इदारों से तवक़्को (उम्मीद) रखते हैं कि वो तुरकिया की अपील पर रद्द-ए-अमल देंगे और जल्द अज जल्द कार्रवाई करेंगे, उन्होंने कहा कि बैन-उल-अकवामी बिरादरी और मुताल्लिका इदारों ने हस्पताल पर हमलों को रोकने के लिए खातिर-ख़्वाह कोशिशें नहीं कीं।


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