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बरतानवी सांसद को नाम-ए-मोहम्मद होने पर एयरपोर्टस पर पूछगछ का सामना करना पड़ा

बरतानवी सांसद को नाम-ए-मोहम्मद होने पर एयरपोर्टस पर पूछगछ का सामना करना पड़ा

लंदन : आईएनएस, इंडिया 

एक बर्तानवी रुक्न पार्लीमान को बर्तानिया के एक एयरपोर्ट पर एयर कैनेडा की फ्लाइट में सवार होने से इसलिए रोका गया क्योंकि उनका नाम ‘मोहम्मद’ है। बर्तानवी अखबार दी गार्डियन के मुताबिक ब्रैडफोर्ड से मुंतखिब रुक्न पार्लीयामेंट मुहम्मद यासीन को अपने साथियों के साथ कैनेडा के सफर पर जाने से कब्ल एयरपोर्ट पर सवालात करने के लिए रोका गया और ऐसा ही दुबारा तब हुआ, जब वो कैनेडा से वापस आ रहे थे। 
    मुहम्मद यासीन को एयरपोर्ट पर रोके जाने का मुआमला हाऊसिंग एंड कम्यूनिटीज कमेटी के चेयरमैन ने पार्लीमान में उठाया और उन्होंने रुक्न पार्लीमान के साथ होने वाले बरताव को नसली तास्सुब और इस्लामो फोबिया करार दिया। उन्होंने मजीद कहा कि मुहम्मद यासीन से पूछा गया कि वो कहाँ पैदा हुए और क्या उनके पास खंजर है। कमेटी के चेयरमैन का मजीद कहना था कि वो बर्तानिया में मौजूद कैनेडीयन हाई कमिशनर के सामने एहतिजाज रिकार्ड करवाने के लिए उन्हें खत •ाी लिख रहे हैं। उन्होंने हाऊस आफ कॉमन्ज को बताया कि जब कमेटी के अराकीन जहाज में चढ़ गए तो मालूम हुआ कि तमाम अराकीन वहां आ चुके हैं, सिवाए मुहम्मद यासीन के जिन्हें पूछगिछ के लिए रोक लिया गया है। उनको बताया गया कि ऐसा इसलिए हुआ है कि उनका नाम मोहम्मद है। चेयरमैन के मुताबिक ये पूछगिछ आयर कैनेडा के हुक्काम की जानिब से की गई और ऐसा इसके बावजूद हुआ, जब कैनेडा की हुकूमत उन्हें मुल्क में दाखिल होने के लिए वीजा दे चुकी थी। उन्होंने मजीद कहा कि उनको जाने की इजाजत तब दी गई, जब उन्होंने मेरे कमेटी की क्लर्क की मदद से ये बात साबित की कि वो रुक्न पार्लीमेंट हैं। 
    उनका कहना था कि मोंटरयाल एयरपोर्ट •ाी कैनेडा के इमीग्रेशन हुक्काम ने ये मामली उठाया। वापसी में टोरंटो एयरपोर्ट पर फिर उन्हें रोका गया और उन्हें जहाज में बैठने की इजाजत मेरे काउंसिल जनरल को दिलवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि मुहम्मद यासीन से कैनेडीयन इमीग्रेशन मिनिस्टर और एयर कैनेडा की तरफ से माजरत कर ली गई है।

अल उला इंटरनेशनल एयरपोर्ट की हो गी तौसीअ 
एयरपोर्ट डिजाइन की हुई नकाब कुशाई

रियाद : सऊदी पे्रस एजेंसी ने हफ़्ता को रिपोर्ट किया कि मुस्तकबिल (•ाविष्य) में सरमायाकारी (इन्वेस्टमेंट) के इकदाम के दौरान रॉयल कमीशन बराए अल उला गर्वनमें ने अल उला बैन-उल-अकवामी हवाई अड्डे के दूसरे टर्मीनल के डिजाइन की निकाब कुशाई की गई। एयरपोर्ट का डिजाइन तारीखी मुकाम के कदीम शहरी विरसे की अक्कासी करता है और कुदरती और सकाफ़्ती माहौल से हम-आहंग हैं। 
    डिजाइनज का ऐलान एक आलमी मुकाबले के बाद किया गया। ये डिजाइन हवाई अड्डे के मंसूबे और इसकी तौसीअ में एक अहम इजाफे की नुमाइंदगी करते हैं। रॉयल कमीशन बराए अल उला गवर्नमेंट का मकसद मुख़्तलिफ बैन-उल-अकवामी और मुकामी मुकामात के लिए फिजाई राब्ते को बढ़ाना है जिससे अल उला को मुल्क के शुमाल मगरिब (उत्तर पश्चिम) में एक आलमी लाजिस्टिक मर्कज के तौर पर पोजीशन में लाना है। अल उला जो मार्च 2021 में बैन-उल-अकवामी हवाई अड्डा बन गया था, नई तौसीअ से इसकी गुंजाइश सालाना 400,000 मुसाफिरों से बढ़कर छ: मिलियन हो जाएगी। हवाई अड्डे के कुल रकबे को •ाी तकरीबन 2.4 मिलियन मुरब्बा मीटर तक बढ़ाया जाएगा जिसके फ्लाइट डैक पर बयकवक्त (एक साथ) 15 तय्यारों (जहाजों) के रुकने की गुंजाइश होगी। नए डिजाइन में शामिल तौसीही के तहत एक होटल, एक स्पा और मुतनव्वे (विविध) खिदमात और सहूलयात शामिल हैं जो आने वालों के तजुर्बे में इजाफा करेंगी। ये इजाफा दुनिया के सबसे बड़े खुले हुए अजाइब घर के साथ मरबूत है और उसे बैन-उल-अकवामी मयारात पर पूरा उतरने वाले जदीद तकनीकी इनफ्रास्ट्रक्चर और आलात मयस्सर हैं। 
    रॉयल कमीशन बराए अल उला गवर्नमेंट एक आलमी मुकाम के तौर पर इस इलाके में हवाई ट्रैफिक की मुतवक़्के निजाम के लिए काम कर रहा है। रियासत विजन-2030 के मकासिद के तहत ये अल उला के विजन से हम-आहंग है, जबकि शनाख़्त को बरकरार रखता और गवर्नमेंट के तहजीबी, सकाफ़्ती और माहौलियाती पहलूओं को उजागर करता है। गुजिशता बरसों के दौरान अल उला इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने मुतअद्दिद मन्सूबों का मुशाहिदा किया है, जिनका मकसद मुसाफिरों के इस्तिकबाल को बेहतर बनाना और अल उला के लोगों और मेहमानों को खिदमात फराहम करना है।

 

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