✒ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया पार्लियामेंट में एक मुस्लिम रुक्न पार्लियामेंट कँवर दानिश अली के साथ तौहीन आमेज ताने और बदकलामी और दहशतगर्द कहे जाने पर जमई हिंद के सदर मौलाना अरशद मदनी ने सख़्त मुजम्मत करते हुए कहा कि ये मुल्क की जमहूरी तारीख में एक शर्मसार कर देने वाला पहला वाकिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि गुजिश्ता रोज पार्लियामेंट में हुक्मरां पार्टी के एक मेंबर के जरीया जिस तरह एक मुस्लिम मेंबर पार्लियामेंट के लिए गैर पार्लियामानी जबान का इस्तिमाल हुआ, यहां तक कि उसे खुले आम दहशतगर्द, कटवा, मुल्ला कहा गया और पार्लियामेंट के बाहर देख लेने की धमकी दी गई, बेहद शर्मनाक और जम्हूरियत पर कलंक है।
उन्होंने कहा कि पहले भी बहुत से इशूज पर पार्लियामेंट में इंतिहाई गरमागरम और तल्ख बहसें होती रही हैं, लेकिन किसी मुंतखब नुमाइंदा के खिलाफ किसी दूसरे मेंबर ने ऐसे नापाक और गैर जमहूरी अलफाज का इस्तिमाल कभी नहीं किया। मौलाना मदनी ने कहा कि ये जो कुछ हुआ, उसे देखकर कहा जा सकता है कि मुस्लमानों के खिलाफ ये नफरत की इंतिहा है, जो अब जमहूरीयत के मंदिर तक जा पहुंची है। हैरत और अफसोस की बात तो ये है कि जब मजकूरा मेंबर ऐसी नापाक और गैर पार्लियामानी जबान बोल रहा था, तो हुक्मरां जमात के किसी मेंबर ने उसे नहीं रोका, बल्कि उसके बगल में बैठे दूसरे बीजेपी के एमपी मुस्कुरा रहे थे।
उन्होंने मजीद कहा कि ये हेट स्पीच नहीं बल्कि इससे कहीं ज्यादा है। ऐवान (सदन) के स्पीकर को फौरन उसका नोटिस लेना चाहीए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मौलाना मदनी ने ये भी कहा कि अगर अपोजीशन के किसी मेंबर ने ऐवान में ऐसी जबान का इस्तिमाल किया होता तो उसे उसी वक़्त ऐवान से बाहर निकाल कर उसके खिलाफ सख़्त एक्शन लिया जाता और इलेक्ट्रॉनिक मीडीया उस पर एक तूफान खड़ा कर दिया होता।