✒ मकबूजा बैतुल-मुकद्दस : आईएनएस, इंडिया
हम्मास के सैन्य शाखा अजीज उद्दीन अलकसाम ब्रिगेड के तर्जुमान अबू उबैदा का कहना है गजा की सरहद के साथ इसराईल की यहूदी बस्तियों पर हम्मास के सरप्राइज हमले में बड़े पैमाने पर ईसराईलियों को हिरासत में लिया गया है। अबू उबैदा के आडियो पैगाम में उनका कहना है कि हम्मास के जेरे हिरासत कैद ईसराईलियों की तादाद उससे कहीं ज्यादा है जो इसराईली वजीर-ए-आजम नेतन्याहू बता रहे हैं।
अलकसाम ब्रिगेड के तर्जुमान के मुताबिक इसराईली कैदी गजा की पट्टी के मुख़्तलिफ इलाकों में रखे गए हैं। इसराईली ब्रॉडकास्टिंग अथार्टी ने इतवार के रोज बताया कि सहयोनी फौज और पुलिस ने यरगमाल (बंधक) बनाए गए कई कैदियों को रिहा करवा लिया है। अथार्टी के मुताबिक इसराईली फौज ने बंदी बनाने वाले मुसल्लह (हथियारबंद) जंगजू हलाक कर दिए हैं। इसके अलावा एक मुकामी फार्म हाऊस के रेस्तोरां के अंदर कैद 60 ईसराईलियों को भी रिहा करवा लिया है। अथार्टी ने बताया कि बंधकों को रिहा कराने के लिए की जाने वाली एक अलग कार्रवाई में तीन इसराईली फौजी जखमी हुए है। उसी दौरान हम्मास के तर्जुमान हाजिम कासिम ने उलार बया को बताया कि इसराईल के साथ लड़ाई इबतिदाई मरहले (शुरुआती चरण) में है। हम इसराईली जेलों में कैद फलस्तीनीयों की रिहाई का मुआमला चुकता करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि हम फिलहाल हम्मास के जेरे हिरासत ईसराईलियों की तादाद जाहिर नहीं कर रहे हैं। हम्मास तर्जुमान ने दावा किया कि आॅप्रेशन बाकायदा मंसूबा बंदी के साथ किया गया है। इसराईली इलाके में दाखिले और मिजाईल हमले भी सोची समझी कार्रवाई है। आॅप्रेशन हमारी मंसूबा बंदी के मुताबिक चल रहे हैं। तर्जुमान ने मजीद कहा कि जंग के अलावा हमारा कोई दूसरा आॅपशन नहीं है। हम तमाम मुम्किना मंजर नामों के लिए तैयार हैं और इसराईल का मुकाबला करने की सकत रखते हैं।
इसराईली न्यूज एजेंसी ने बताया है हम्मास ने हफ़्ते की सुबह से के 53 शहरी यरगमाल बनाए हैं जबकि हम्मास का दावा है कि उनके 35 फौजी और सिर्फ एक यहूदी आबादकार कैद हैं। इसराईली फौज के मुताबिक गजा की पट्टी के साथ यहूदी बस्तियों में हालत मामूल पर लाने के लिए कई घंटे लगेंगे।
इसराईल और फलस्तीनी फौरी तौर पर सीज फायर करें
दुबई : मुत्तहदा अरब अमीरात की जानिब से फलस्तीनीयों और काबिज रियासत इसराईल के दरमियान बढ़ते टकराव पर गहरी तशवीश का इजहार करते हुए कशीदगी को रोकने और शहरीयों के तहफ़्फुज की जरूरत पर जोर दिया है। अमीरात उल यौम अखबार के मुताबिक अमीराती वजारत-ए-खारजा की जानिब से जारी बयान में कहा गया कि पुरतशद्दुद कार्यवाईयों के खतरनाक नताइज से बचने के लिए जरूरी है कि तहम्मुल से काम लिया जाए और फौरी तौर पर सीज फायर किया जाए। अमीराती वजारत-ए-खारजा ने कहा ‘अरब, इसराईल अमन को बहाल करने के लिए बैन-उल-अकवामी सालसी कमेटी को फौरी तौर पर फआल किरदार अदा करना चाहिए।’ बयान में कहा गया कि अमन के कयाम के लिए जरूरी है कि आलमी बिरादरी जामा और मुंसिफाना अमन के हुसूल के लिए की जाने वाली कोशिशों को मुसबत (सकारात्मक) अंदाज में आगे बढ़ाने में अपना मूसर किरदार अदा करे ताकि खित्ते में तनाव और अदम इस्तिहकाम का खातमा किया जा सके।
वाजिह रहे कि सनीचर की सुबह फलस्तीनी इस्लामी तहरीक हम्मास ने कई बरसों बाद इसराईल पर अचानक एक बड़ा हमला किया जिसमें गजा पट्टी से राकेट बरसाने के अलावा मुसल्लह अफराद इसराईल में दाखिल हो गए। खबरों के मुताबिक हमलों के बाद यरूशलम समेत जुनूबी और वसती इसराईल में खतरे के सायरन सुने गए जबकि फौज का कहना है कि वो जंग लड़ने को तैयार हैं। इसके अलावा खलीज तआवुन काउंसिल (जीसीसी) के सेक्रेटरी जनरल जासम मुहम्मद अलबदवी ने भी फलस्तीनीयों और इसराईली काबिज फौज के दरमयान कशीदगी को फौरी तौर पर रोकने का मुतालिबा किया है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक काउंलिस के सेक्रेटरी जनरल ने फलस्तीन में रुनुमा होने वाले मौजूदा हालात का जिÞम्मेदार काबिज इसराईली अफ़्वाज को करार दिया है। उन्होंने कहा कि फलस्तीनी अवाम और मुकद्दस मुकामात के खिलाफ मुसलसल इसराईली हमलों के नतीजे में ये हालात पैदा हुए हैं। उन्होंने मजीद कहा कि मुसलसल इसराईली हमले बैन-उल-अकवामी कवानीन की सरीह खिलाफवरजी हैं जिससे फलस्तीन मसले के हल में रुकावटें पैदा हो रही हैं। जासम मुहम्मद अलबदवी ने आलमी बिरादरी से अपने मुतालिबा का इआदा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि 1967 से कब्ल फलस्तीनीयों को उनकी रियासत के कियाम के लिए जायज हुकूक दिए जाएं ताकि इलाके में इस्तिहकाम आए और तनाजा का खातमा हो सके।