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म्यूजिक : तालिबान में छ: गिरफ़्तार, सउदी में स्कूलों में सिखाई जाएगी म्यूजिक

Music: Six arrested in Taliban, music will be taught in schools in Saudi
तालिबान में एक घरेलु तकरीब में म्यूजिक बजाने के इल्जाम में तालिबान ने जहां छह लोगों को गिरफ्तर किया है, वहीं दूसरी ओर सऊदी अरब हुकूमत ने म्यूजिक को नई नसल के मुस्तकबिल की उमंगों के मुताबिक बताते हुए स्कूलों में म्यूजिक कोर्स शुरू करने का ऐलान किया है।

काबुल : आईएनएस, इंडिया 

अफ़्गान तालिबान की अखलाकी पुलिस ने मौसीकी बजाने के इल्जाम में छ: अफराद को हिरासत में लिया है। मुकामी नशरियाती इदारे के मुताबिक ये वाकिया शुमाली सूबे बलख में पेश आया जहां एक घरेलू नौईयत की तकरीब जारी थी। 
    तालिबान के एक मुकामी अहलकार के मुताबिक इन अफराद को अफ़्गान शहर मजार शरीफ से गिरफ़्तार किया है जहां एक घरेलू तकरीब में मौसीकी बजाई जा रही थी। तालिबान हुकूमत मौसीकी के फरोग को बदउनवानी की एक शक्ल करार देती है। उनका मानना है कि मौसीकी नौजवानों की गुमराही और मुआशरे की तबाही का सबब बन रही है। अगस्त 2021 में इकतिदार में वापसी के बाद तालिबान ने कौमी टेलीविजन पर भी मौसीकी नशर करने पर पाबंदी लगा दी थी। हाल ही में शादी हाल के मालिकान को हिदायत जारी की गई थी कि वो मौसीकी का एहतिमाम करने से गुरेज करें। शादीयों और इसी तरह की दीगर तकरीबात में सख़्त-गीर अहकामात से मुतसादिम सरगर्मियों पर भी पाबंदी लगा दी गई है। तालिबानी फैसले के बाद कई अफ़्गान फनकार और मूसीकार मगरिबी ममालिक में पनाह लेने पर मजबूर हो गए हैं। इससे कबल अफ़्गानिस्तान के सूबा हिरात से अफ़्गान तालिबान की जानिब से मौसीकी के आलात (इंस्ट्रूमेंट) जलाने की खबरें भी सामने आई थीं। याद रहे कि अफ़्गान तालिबान ने इकतिदार संभालते ही खवातीन के तालीम हासिल करने समेत मौसीकी और गुलूकारों पर सख़्त तरीन पाबंदी आइद की थी।

सऊदी अरब : स्कूलों में मौसीकी सिखाने के लिए पहला दो साला डिप्लोमा कोर्स मुतआरिफ

रियाद : सऊदी अरब में स्कूलों में बच्चों को मौसीकी सिखाने के लिए असातिजा (टीचर्स) की अहलीयत की खातिर दो साला डिप्लोमा कोर्स मुतआरिफ कराया गया है। डिप्लोमा कोर्स का आगाज रवां माह सितंबर में होगा। रियाज मैं हाऊस आफ म्यूजिक हाइर इंस्टीटियूट ने वजारत-ए-सकाफत से मंजूर शूदा पहला म्यूजिक डिप्लोमा शुरू किया है, जो ममलकत में अपनी नौईयत का पहला मौसीकी लर्निंग कोर्स है। 
    ये तालीम और मौसीकी की कारकर्दगी के ट्रैक्स के जरीये तालीम के मैदान में एक मेयारी पेश-रफ़्त की अक्कासी करता है और नई नसल के मुस्तकबिल की उमंगों के मुताबिक इकदाम है। इंस्टीटियूट के एग्जीक्टिव डायरेक्टर इंस्टीटियूट के हेडक्वार्टर में वजारत-ए-सकाफत बराए कौमी शराकतदारी और तरक़्की के अंडर सेक्रेटरी नेहा कतान, सहाफीयों, मूसीकारों और दीगर अफराद की मौजूदगी में एक प्रेस कांफें्रस के दौरान कहा कि डिप्लोमा प्रोग्राम सितंबर के महीने में शुरू होगा, ये दो साला कोर्स है। ये प्रोग्राम मौसीकी की सकाफ़्त को एक आफाकी जबान के तौर पर फैलाने में अहम किरदार अदा करेगा और दीगर सकाफ़्तों के साथ राबते के लिए एक पुल का किरदार अदा करेगा। उन्होंने निशानदेही की कि प्रोग्राम में दो ट्रैक शामिल हैं। 


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