✒ लंदन : आईएनएस, इंडिया साईंसदानों और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के नए डेटा सर्दी शुरू होने के साथ ही कोरोना के नए वैरियंट की दस्तख देने का खतरा पैदा कर रहा है। हालांकि साइंसदां ये जरूर कह रहे हैं कि कोविड-19 की वजह बनने वाला नया वाइरस उस कदर खतरनाक नहीं है, जिस कदर खदशा जाहिर किया जा रहा था।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक बीए 2.86 ओमीक्रोन वैरीयंट पैरोला नामी वाइरस को वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाईजेशन और बीमारीयों पर काबू पाने वाले अमरीकी सेंटर सीडीसी ने भी इस वाइरस की शनाख़्त की है। हालिया कुछ अर्से में अमरीका, यूरोप और एशियाई ममालिक में कोरोना से मुतास्सिर और हस्पताल में दाखिल होने वालों की तादाद में इजाफा हुआ है लेकिन माजी के मुकाबले में ये तादाद बहुत कम है। 30 अगस्त को अमरीकी इदारे सीडीसी ने कहा था कि बीए 2.86 ओमीक्रोन की एक किस्म सामने आई है, जिसने कम अज कम चार अमरीकी रियास्तों में रहने वालों को मुतास्सिर किया है। अमरीकी रियासत डेलाम्योर ने पिछले दिनों कहा था कि एक हस्पताल में बीए 2.86 वाइरस का पता चला है। जबकि अकवाम-ए-मुत्तहिदा की आलमी तंजीम बराए सेहत का कहना है कि कम अज कम 6 ममालिक में वाइरस की इस किस्म का पता चला है। सीडीसी के डेटा के मुताबिक कोरोना के मौजूदा केसेज में से 20 फीसद ईजी फाईव जबकि 14.5 फीसद फोरंैकस से मुतास्सिर हैं जो ओमीक्रोन की ही एक किस्म है। ईजी फाईव की ये किस्म नवंबर 2021 में सामने आई थी जिसने अमरीका की मशरिकी रियास्तों को मुतास्सिर किया था।
अमरीकी यूनीवर्सिटी के साईंसदान डाक्टर डेविड डाओडी का कहना है कि आइन्दा माह में कोरोना की किस्म एफएल 1.5.1 के ज्यादा से ज्यादा केसिज सामने आएंगे हालांकि उनके ख़्याल में मौसम-ए-सरमा में कोरोना की पिछली लहर वापिस आने की तवक़्को नहीं है। ओमेक्रोन की किस्म बीए 2.86 की मजीद 35 किस्म हैं जिसने साईंसदानों के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी। साईंसदानों को खदशा था कि पिछली किस्मों के मुकाबले में कहीं ये तेजी से फैलने की सलाहीयत तो नहीं रखता, हालांकि मुख़्तलिफ लेबोरेटरीज में होने वाले तर्जुबात ने इस खतरे को मुस्तर्द कर दिया है। यहां एक और सवाल ये भी पैदा होता है कि क्या वैक्सीन नए वैरीयंट्स का मुकाबला करने की सलाहीयत रखती है।
बॉस्टन सेंटर बराए वैक्सीन रिसर्च की जानिब से किए गए तर्जुबात से मालूम होता है कि नई वैक्सीन तमाम मौजूदा वेरियंट्स के खिलाफ कुछ हद तक मोस्सर (प्रभावी) है। वैक्सीन बनाने वाली एक कंपनी ने कहा था कि उसकी वैक्सीन से एन्टी बॉडीज में 9 गुना इजाफा हुआ जो बीए 2.86 वैरीयंट का मुकाबला करने में मोस्सर साबित होते हैं जबकि एक दीगर कंपनी ने कहा है कि उनकी वैक्सीन के अपडेटेड शॉट्स वाइरस की नई किस्म के खिलाफ मोस्सर हैं।