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भिलाई हाउस के एक कमरे से शुरू हुआ था बीएसपी के मेडिकल विभाग का सफर

बीएसपी के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के 50 साल के इतिहास पर केंद्रित डाक्यू-ड्रामा ‘रिश्ता, आंसुओं से मुस्कान तक का-1’ प्रस्तुतिकरण, निदेशक प्रभारी दासगुप्ता सहित तमाम अतिथियों ने सराहा 

नई तहरीक : दुर्ग  
77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के शुरूआती 50 साल के इतिहास पर प्रकाश डालता हुआ ‘रिश्ता, आंसुओं से मुस्कान तक का-1’ प्रस्तुत किया गया। बीएसपी के सेक्टर-9 स्थित जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केन्द्र के सभागार में इस अनूठे प्रस्तुतिकरण को डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता, भिलाई महिला समाज की अध्यक्ष त्रिपर्णा दासगुप्ता और प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एम रविंद्रनाथन सहित तमाम अतिथियों ने बेहद सराहा।

भिलाई हाउस के एक कमरे से शुरू हुआ था बीएसपी के मेडिकल विभाग का सफर
लेखक/पत्रकार मुहम्मद जाकिर हुसैन

    लेखक/पत्रकार मुहम्मद जाकिर हुसैन के सहयोग से निर्मित प्रस्तुतिकरण में भिलाई हाउस (वर्तमान बीआईटी-दुर्ग) के एक छोटे से कमरे से 32 बंगला और सेक्टर-1 होते हुए सेक्टर-9 के मौजूदा स्वरूप तक विभाग की यात्रा, चुनौतियों और उपलब्धियों को शुरूआती 50 साल के संस्थापक चिकित्सकगण और उस दौर के विभाग प्रमुख निदेशकों की जुबानी बताया गया जिसमें पार्श्व में चलते संवादों के बीच उस दौर के दुर्लभ फोटोग्राफ्स के माध्यम से शुरूआती 50 साल का खाका खींचा गया। 

भिलाई हाउस के एक कमरे से शुरू हुआ था बीएसपी के मेडिकल विभाग का सफर

    प्रस्तुतिकरण में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कौशलेंद्र ठाकुर के मार्गदर्शन में डॉ. लता देवांगन, डॉ. उदय कुमार, डॉ. पूजा सियाल, डॉ. आकांक्षा तिवारी, डॉ. गणेश मंथापुरवार, शैला अब्राहम, विवेक रंजन, लता मिश्रा, अनुजा सक्सेना, अर्चना पांडेय और इंद्रजीत कौर ने अपना विशिष्ट योगदान दिया। 
    प्रस्तुतिकरण के दौरान सभागार में मौजूद लोग जैसे अतीत में खो से गए थे। लोगों की नजरें मंच में लगे एलईडी स्क्रीन से नहीं हटी। यात्रा में भिलाई स्टील प्रोजेक्ट के दौर में स्वैच्छिक सेवा देने वाली डॉ. मोहिनी ताराचंद, पहली नियुक्त मेडिकल आॅफिसर डॉ. गीता दासगुप्ता, पहले चीफ मेडिकल आफिसर डॉ. एनएल कल्ले और उनके बाद जवाबदारी संभालने वाले डॉ. डीसी सेन, डॉ. (मिस) कमला बालकृष्ण दवे, डॉ. रामजीवन चौबे, डॉ. ज्योतिंद्रनाथ मिश्रा, डॉ. समर कुमार घोष और डॉ. एसएम इकबाल का दौर दर्शाया गया।
    बीएसपी डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता ने प्रस्तुतिकरण की सराहना करते हुए कहा कि इसे देख कर पता चला कि हमें इतिहास की बहुत सी बातों का पता ही नहीं था। हमारा इतिहास इतना गौरवशाली है कि इसे देखते हुए तो हम इतिहास में ही कही खो गए। हमारी कोशिश रहेगी कि जेएलएन हॉस्पिटल के इस गौरव को और आगे बढ़ा सकें। इस दिशा में हम निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने अन्य विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि बेशक हमारे सामने डॉक्टरों की कमी जैसी कुछ चुनौतियां और दिक्कतें हैं, पर हमारी पूरी कोशिश है कि सेक्टर- 9 हॉस्पिटल की सुविधाओं को और बेहतर कर सकें।
     अनिर्बान दासगुप्ता ने हॉस्पिटल की स्वच्छता पर चर्चा करते हुए कहा कि आज हॉस्पिटल बहुत साफ सुथरा लग रहा है। गुब्बारे, रिबन और रंगोली आदि की सजावट से हॉस्पिटल बहुत ही अच्छा लग रहा है। भाषण के अंत में उन्होंने अंगदान को महादान निरुपित करते हुए अंगदान के लिए लोगों को आगे आने की जरूरत पर जोर दिया। इस कड़ी में सेक्टर-9 के ओपीडी ब्लॉक एवं सभागार में 2 बड़े एलईडी स्क्रीन का उद्घाटन भी किया गया।
    इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (प्रोजेक्ट्स) एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) अजय कुमार चक्रबर्ती, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) डॉ. अशोक कुमार पंडा, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (माइंस) बीके गिरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ. एम रविन्द्रनाथ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ प्रमोद बिनायके, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ विनीता द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. राजीव कुमार पाल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ कौशलेन्द्र ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित थे।
    इसके अतिरिक्त समारोह में भिलाई महिला समाज की उपाध्यक्ष नीरजा कुमारी सिंह, अतिरिक्त उपाध्यक्ष प्रणोती मुखोपाध्याय, अतिरिक्त उपाध्यक्ष मोली चक्रवर्ती, अतिरिक्त उपाध्यक्ष मीरा पंडा, अतिरिक्त उपाध्यक्ष स्मिता गिरी, महासचिव साधना गोयल, सहसचिव सोनाली रथ, कोषाध्यक्ष शिखा जैन, सह-कोषाध्यक्ष दीपन्विता पाल एवं भिलाई महिला समाज की विभिन्न उत्पादक इकाइयों की प्रभारी एवं सदस्यगण उपस्थित थीं। इसके साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के अधिकारीगण सहित भारी संख्या में चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ उपस्थित था। 


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