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1380 में बनी तारीखी मस्जिद ‘अलफवीही’ का रेनोवेशन शुरू

14 जीअकादा 1444 हिजरी
इतवार, 4 जून 2023
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 तारीखी मसाजिद की बहाली का सफर

रियाद : आईएनएस, इंडिया 
सऊदी अरब में शहजादा मुहम्मद बिन सलमान के ‘तारीखी मसाजिद की बहाली मंसूबे’ के दूसरे मरहले में मुल्क के 13 खित्तों में मौजूद 30 मसाजिद को तामीर और तजईन-ओ-आराइश के बाद बहाल किया जा रहा है। इसी जिÞमन (श्रृंखला) में अलजोफ रीजन के शहर ‘सकाका’ की तारीखी मस्जिद ‘अलफवीही’ को भी तजईन-ओ-आराइश करके बहाल किया जा रहा है। 
1380 में बनी तारीखी मस्जिद ‘अलफवीही’ का रेनोवेशन शुरू
File Photo
    मस्जिद अलफवीही की शेडिंग को तुम्हरिस्क की लकड़ी और खजूर के पत्तों से बहाल किया गया है। इस मस्जिद की बहाली के लिए एहतियात से मंसूबाबंदी की गई। इसे असल सूरत में बहाल किया जा रहा है जिसके बाद 1380 में अपनी असल तामीर के मुताबिक हो जाएगी। साया फराहम करने के लिए बनाई जाने वाली शेडिंग को रिवायती अंदाज में ही बहाल किया जा रहा है। इस शेडिंग में मुकामी लकड़ी और खजूर के पत्तों को इस्तिमाल किया जा रहा है। इससे मस्जिद की शहरी शिनाख़्त का तहफ़्फुज हो रहा। 
    ये मन्सूबा सऊदी अरब की इस्लामी तहजीब को फरोग देने और तारीखी शहरों और देहात की तरक़्की में दिलचस्पी की नुमाइंदगी भी कर रहा है। मस्जिद अलफवीही की एहमीयत इस वजह से है कि ये सकाका शहर की कदीम तरीन इमारतों में से एक है। इस मस्जिद के मालिक की निसबत से उसे मस्जिद  ‘शामान’ के नाम से भी जाना जाता है। इसे शामान खलफ अलफवीही ने तामीर किया था। 1430 हिज्री में मस्जिद को एक ट्रैफिक हादिसा के बाइस नुकसान पहुंचा तो उसे पुरानी हालत में ही बरकरार रखा गया था। 
    मस्जिद अलफवीही में अपने कियाम से लेकर आज तक पंजगाना नमाजों की अदायगी जारी है। मस्जिद अलफवीही की तजईन-ओ-आराइश के बाद उसका रकबा 72.33 मुरब्बा मीटर से बढ़कर 93.98 मुरब्बा मीटर हो जाएगा। उसकी गुंजाइश 28 नमाजियों तक रहेगी। खित्ते के रिवायती अंदाज में मिट्टी की तामीर की तकनीक का इस्तिमाल करते हुए उसे तामीर किया जा रहा। मस्जिद की तामीर में कुदरती मवाद का इस्तिमाल किया जा रहा। इस खित्ते का तर्ज-ए-तामीर, फन-ए-तामीर में मुमताज और मुनफरद (अलग) है।

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