14 जीअकादा 1444 हिजरी
इतवार, 4 जून 2023
------------------------
सियोल : आईएनएस, इंडिया सन 2005 में जुनूबी (दक्षिण) कोरिया से ताल्लुक रखने वाली एक खातून की गैरमामूली कहानी ने सबको हैरान कर दिया। न्यूयार्क पोस्ट के मुताबिक चा सा सून नामी खातून लाईसेंस के लिए कई सौ मर्तबा नाकाम होने के बावजूद साबित कदमी का मुजाहरा करते हुए डटी रही और बिलआखिर ड्राइविंग लाईसेंस हासिल करने में कामयाब हो गईं। चा सा सून ने 960 मर्तबा टेस्ट ड्राईव दिया। पहली मर्तबा उन्होंने 2005 में तहरीरी टेस्ट दिया जिसमें वो नाकाम हो गईं जिसके बाद वो हफ़्ते के पाँच दिन, हर रोज, तीन साल तक टेस्ट देती रहीं। उसके बाद उनकी टेस्ट देने की रफ़्तार कम हो गई, और हफ़्ते में दो मर्तबा टेस्ट देती रहीं लेकिन कामयाब नहीं हो पाई। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत ना हारी और 860 वीं मर्तबा आखिरकार उन्होंने टेस्ट में कामयाबी हासिल की। चा सा सून का अगला हदफ (लक्ष्य) अमली (प्रेक्टिकल) टेस्ट था, जो पिछले टेस्ट से काफी मुश्किल था। उन्हें ये टेस्ट भी 10 मर्तबा देना पड़ा, जिसके बाद कुल मिलाकर उन्होंने 960 मर्तबा टेस्ट दिया। बिलआखिर 960 बार टेस्ट देने के बाद 2010 में 69 साल की उम्र में उन्होंने ड्राइविंग टेस्ट पास किया। इस पूरे अर्से के दौरान ड्राइविंग लाईसेंस के हुसूल के लिए उन्होंने 11 हजार पाउंडज खर्च किए।
सन 2010 में टाईम्स को ड्राइविंग स्कूल के इंस्ट्रक्टर ने बताया कि जब उन्हें लाईसेंस मिला तो हम सब उनकी क्लास में गए, उनसे गले मिले और उन्हें फूल दिए। साबित कदमी और लगन की इस अनथक कोशिश के बाद चा सा सून को जुनूबी कोरिया की मारूफ कंपनी हनडार्ड ने बिलकुल नई गाड़ी तोहफे में दी।