मंसूरी आयोग की मांग को लेकर समाज हुआ लामबद्ध

21 शव्वालुल मुकर्रम 1444 हिजरी
जुमा, 12 मई, 2023
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गहलोत सरकार को ध्यान देने की जरूरत 
अखिर कब होगी मंसूरी आयोग की तशकील

मोहम्मद हासम अली : अजमेर 
मंसूरी मआशरे की जानिब से लंबे समय से मंसूरी आयोग की तशकील की मांग की जा रही है। मआशरे के रोशन ख्याल शहरियों का कहना है कि रियासतभर में मंसूरी मआशरे के लगभग 40 लाख लोग रहते हैं। मुल्कगीर इनकी तादाद करोड़ों में हैं जो मुख्तलिफ तरक्कीयाती कामों में मशरूफ रहकर मुल्क की तरक्की में हाथ बटा रहे हैं। आल इंडिया मंसूरी समाज के रियासती सदर हाजी रियाज अहमद मंसूरी मआशरे के डेलीगेशन के साथ वजीरे आला अशोक गहलोत और उनकी सरकार के केबिनेट वजीरों को मेमोरेंडम दे चुके हैं। इसके अलावा वक्तन-फ-वक्तन गहलोत सरकार से कई बार मंसूरी आयोग की तशकील की मांग कर चुके हैं लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 
मंसूरी आयोग की मांग को लेकर समाज हुआ लामबद्ध, Society mobilized for the demand of Mansuri commission

    उन्होंने कहा कि वजीरे आला जनाब गहलोत की जानिब से दीगर मआशरे की फलाह व बहबूद के लिए आयोग तशकील दी गई है, लेकिन बदकिस्मती से मंसूरी समाज की मांग पर अमल नहीं किया जा रहा है। इसके लिए मंसूरी समाज के रोशन ख्याल शहरियों की जानिब से बड़े पैमाने पर मीटिंग का दौर जारी है। गुस्साए मंसूरी समाज के नवजवानों में भी सरकारी की अनदेखी को लेकर नाराजगी देखी जा सकती है। मआशरे के नौजवानों का कहना है कि गहलोत सरकार अगर मंसूरी समाज की अनदेखी करती है तो आने वाले विधानसभा इंतेखाब में गहलोत सरकार को इसका करारा जवाब दिया जाएगा। 
मंसूरी आयोग की मांग को लेकर समाज हुआ लामबद्ध, Society mobilized for the demand of Mansuri commission

    आल इंडिया मंसूरी समाज के कौमी सदर से लेकर जिला इकाई सदर के सभी लोग लगातार मीटिंग कर रहे हैं। गौरतलब है कि मंसूरी समाज रुई पिनाई और तेल घानी अहम कारोबार है। मआशरे की इक्तेसादी व ताअलीमी हालत को तसल्लीबख्श नहीं कहा जा सकता। यही वजह है कि मंसूरी मआशरा लगातार पिछड़ता जा रहा है। समाज के पिछड़ेपन को देखते हुए मआशरे के रोशन ख्याल शहरियों की जानिब से मंसूरी आयोग, दुनकर आयोग की तशकील के साथ सरकार से अपना हक मांगने की कवायद लगातार जारी है।

     
मआशरे के लोगों का कहना है कि अगर उनकी मांगों की इसी तरह अनदेखी होती रही तो रियासती हुकूमत के सामने सबसे बड़ी चुनौती मंसूरी मआशरा होगा। मआशरे के खिदमतगुजार शहरियों का कहना है कि सरकार हमारी मांगों को जायज समझते हुए उसे पूरा करने आगे आए, ऐसा नहीं होता है तो विधानसभा इंतेखाब सामने है।

    मआशरे के लोगों का कहना है कि जो हमें, हमारा हक देगा, वही हम पर राज करेगा। इसी जुमरे में आयंदा कुछ दिनों में जिला मुख्यालय भीलवाड़ा से मंसूरी मआशरे के झुजारु व खिदमतगुजार मुबारक हुसैन मंसूरी, उपरेडा की जानिब से मंसूरी विकास बोर्ड /धुनकर विकास बोर्ड की तशकील की मांग को लेकर जिला मुख्यालय भीलवाड़ा से रायला, विजयनगर, बांदनवाड़ा, नसीराबाद, अजमेर, किशनगढ़, दूदू और जयपुर तक पूरी तरह खामोश तरीके व ‘गांधीवादी विचारधारा’ के साथ पैदल सफर किया गया। इस दौरान उन्होंने मंसूरी मआशरे की तरक्की के लिए रियासती सरकार से मआशरे के हक में स्कीम नाफिज करवाने की भी मांग की। इसके लिए वजीरे आला से उनके दफ्तर व उनके रिहाईशगाह जयपुर तक पैदल चलकर पिछड़े हुए मंसूरी समाज के ताअलीमी व पेशावाराना पसमांदगी (व्यवसायिक पिछड़ेपन) को आगाह कराते हुए मंसूरी आयोग का जल्द अज जल्द गठन करवाए जाने की मांग करेंगे। इमकान है कि मुबारक हुसैन मंसूरी, उपरेड़ा के साथ भीलवाड़ा जिले के मुतअदिदद गांव के अलावा रियासती सतह पर बड़ी तादाद में लोग पैदल सफर पर साथ होंगे। जयपुर में राजस्थान के मुतअदिदद मंसूरी समाज के सैकड़ों लोग सीएम हाउस पहुंचकर खामोशी से अपनी वाजिब मांग रखकर आयोग का गठन करने की मांग करेंगे। इस दौरान नवजवान सोशल वर्कर मुबारक हुसैन, उपरेडा मंसूरी आयोग गठन की वाजिब मांग के साथ-साथ अपने इलाके की दीगर परेशानियों से वजीरे आला को आगाह कराएंगे। पैदल सफर की तारीख का जल्द ही ऐलान किया जाएगा। 

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