3 शव्वाल 1444 हिजरी
पीर, 23 अपै्रल, 2023
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खुरतूम : आईएनएस, इंडियाईद उल फितर की सुबह खुरतूम के लोग गोलियों के शोर, तोपों, मीजाईलों और जंगी तय्यारों की खौफनाक गरज से जाग उठे, सूडान में फौज और सरीअ उल हरकत फोर्सेज के दरमियान खूँरेज लड़ाई का ईद के दिन सातवाँ रोज था। लोग फायरिंग के शोर में ईद की तक्बीरेंं अदा करते रहे, जबकि तशद्दुद, सिक्योरिटी की अबतर सूरत-ए-हाल, आमद-ओ-रफ़्त में खलल, नकल-ओ-हरकत में रुकावट और मुसाफिरों की हलाकत के अफसोसनाक वाकियात के बाइस शहर मुकम्मल तौर पर मफलूज हो कर रह गया।
तेहवार की खुशी की जगह दहशत और खौफ की कैफीयत ने ले ली थी। खुरतूम के शहरियों ने खुद को बड़ी जेल में कैद पाया, जहां गोलियों की बारिश, इन्सानों, जानवरों, दरख़्तों और पत्थरों में फर्क किए बगैर बरस रही थी। खुरतूम के अलग-अलग इलाकों में ऐनी शाहिदीन (चश्मदीद) ने उलारबया को बताया कि बाअज इलाकों में ईद की नमाज रिहायशी महलों के अंदर चौकों और अवामी मुकामात पर अदा की गई, जबकि मुख़्तलिफ इलाकों में लोगों ने ईद की नमाज मसाजिद के अंदर अदा की। ताहम बहुत से लोग नमाज-ए-ईद अदा करने से कासिर रहे।
खुरतूम शुमाली के इलाके शमबत के एक ऐनी शाहिद ने सेंटर्ल मार्केट के इलाके और शम्बात के अल्बरहा अस्पताल के करीब शहरियों को खौफनाक हालात का सामना करने की तफसीलात बताई, जहां फौजी कार्यवाईयों ने उन्हें घरों में रहने पर मजबूर किया। ऐनी शाहिद ने बताया कि ये पुरतशद्दुद फौजी आॅप्रेशन सुबह तक जारी रहा, इसलिए कोई भी नमाज पढ़ने के लिए बाहर नहीं निकल सका।