30 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
जुमेरात, 23 मार्च 2023
इस्तांबोल : आईएनएस, इंडिया
रहमत-ए-दो आलम, नबी-ए-मुकर्रम पैगंबरे आखिर ऊज जमां हजरत मुहम्मद मुस्तफा (ﷺ) का खिरका मुबारक 24 मार्च बरोज जुमा से जियारत के लिए खोल दिया जाएगा।
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file photo |
ये खिरका शरीफ हजरत मुहम्मद मुस्तफा (ﷺ) ने खैरुल ताबईन, आशिके रसूल (ﷺ) हजरत उवैस करनी रदी अल्लाहो अन्हो के लिए तोहफतन छोड़ा था। खिरका शरीफ हजरत मुहम्मद (ﷺ) की रहलत के बाद हजरत अली रदी अल्लाह अन्हो और हजरत उमर रदी अल्लाहो अन्हो के वसीले से आगे मुंतकिल हुआ। खैरुलताबईन के लकब से मारूफ हजरत उवैस करनी रदि अल्लाहो अन्हो ने सन 657 में हजरत अली रदी अल्लाहो अन्हो के हमराह जंग सफीन में शिरकत की और शहादत पाई। खिरका रसूल (ﷺ) उनके सिलसिला नसब की 59 वीं नस्ल के साथ जमाना-ए-हाल तक पहुंचा है और 1851 से अब तक इस्तंबोल की खिरका शरीफ जामा मस्जिद में महफूज है।
58 वीं और 59 वीं नसल से हजरत उवैस करनी की औलाद उस तोहफा रसूल (ﷺ) की दिल-ओ-जान से हिफाजत कर रही है। माह-ए-रमजान की मुनासबत से, बरोज जुमा सुबह 10 बजे बाद अज दुआ, खिरका शरीफ को जियारत के लिए खोला जाएगा और पूरे माह-ए-रमजान में हफ़्ते के मामूल के दिनों में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खिरका शरीफ की जियारत की जा सकेगी।
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