4 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
पीर, 27 मार्च, 2023
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नई दिल्ली : आईएनएस, इंडियाआरएसएस के कौमी एग्जीक्विटिव मेंबर और राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के सरबराह इन्द्रेश कुमार ने जुमा को यकसां सिविल कोड के नफाज (लागू करने) पर जोर देते हुए उसे वक़्त की जरूरत करार दिया। उन्होंने कहा कि एक कौम और एक कानून, सब के लिए इन्साफ को यकीनी बनाएगा।
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इन्द्रेश कुमार |
आजादी का अमृत महोत्सव के मौका पर आरएसएस के कौमी एग्जीक्विटिव मेंबर इन्द्रेश कुमार के एक खुसूसी लेक्चर का एहतिमाम जुमा को फोरम फार अवेयरिंस आफ नेशनल सिक्योरिटी ने किया था। अपने कलीदी खिताब में इन्द्रेश कुमार ने कहा कि पूरी दुनिया में कोई भी मुल्क ऐसा नहीं है, जहां एक कानून ना हो। हमें अपने तनव्वो (विविधता) को मनाने और एक कौम, एक कानून और एक शख़्स के ख़्याल को फरोग देने की जरूरत है। इन्द्रेश कुमार के मुताबिक हमें उसे बरकरार रखते हुए एक मिसाल कायम करनी होगी। बतौर हिन्दुस्तानी, हमें ये तस्लीम करना चाहिए कि आखिर कार, हमारे इत्तिहाद के मर्कज में भारत, भारती, हिन्दोस्तान, हिन्दुस्तानी और हिंदोस्तानियत की असल रूह मुजम्मिर है।
सीनीयर संघ लीडर इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हिन्दोस्तान वाहिद मुल्क है, जहां मुख़्तलिफ मजाहिब के लोग अमन और हम आहंगी के साथ रहते हैं। इसलिए यूनीफार्म सिविल कोड के नफाज से मुल्क पुरअमन रहेगा। जवाहर लाल नेहरू यूनीवर्सिटी के प्रोफेसर मजहर आसिफ ने यकसां सिविल कोड की एहमीयत और मुख़्तलिफ मसाइल पर रोशनी डाली जिन्हें एक कौम, एक कानून हल कर सकता है। मसीही बिरादरी से वाबस्ता नेशनल ऐवार्ड याफताह ने अपनी तकरीर में यकसां सिविल कोड की एहमीयत पर रोशनी डाली और निशानदेही की कि मसीही बिरादरी से मुताल्लिक ज्यादातर कवानीन पहले ही एक कानून के उसूल के मुताबिक हैं। उन्होंने इस हकीकत को भी उजागर किया कि ये खवातीन को बाइखतियार बनाने और मुआशरे की तरक़्की का बाइस बनेगा।
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