24 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
जुमा, 17 मार्च 2023
काबुल : आईएनएस, इंडिया
अफ़्गानिस्तान में तालिबान के इकतिदार में आने के बाद जहां एक तरफ लड़कियों के स्कूल बंद कर दिए गए, वहीं मदरसों की तादाद में इजाफे के लिए भरपूर इकदामात किए जा रहे हैं। फ्रसीसी खबररसां इदारे एएफपी के मुताबिक स्कूल की तालीम से महरूम लड़कियां अब मदरसों में जाने पर मजबूर हो गई हैं।
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file photo |
तालिबान की जानिब से लड़कियों के सेकण्डरी स्कूलों पर पाबंदी आइद करने के साथ ही फरह का मुस्तकबिल भी गैर यकीनी का शिकार हो गया था। फरह का कहना था कि हर किसी के खाब अधरे रह गए। तालिबान के अहकामात पर लड़कियों को स्कूल और यूनीवर्सिटी की तालीम से तो महरूम किया गया लेकिन दूसरी तरफ सैंकड़ों की तादाद में मदरसे खोलने का हुक्म-जारी किया गया। अफ़्गान आलमे दीन अब्दुल बारी मदनी के मुताबिक मौजूदा हालात को मद्द-ए-नजर रखते हुए जदीद तालीम की जरूरत को तर्जीह देनी चाहिए। जदीद तालीम से महरूम रखना अवाम से गद्दारी के मुतरादिफ है। जुनूबी सूबा कंधार में कायम इदारा बराए इस्लामी तालीम के सरबराह ने बताया कि हुकूमत दिन रात यही सोच रही है कि मदरसों की तादाद कैसे बढ़ाई जाए ताकि नई नसल को इस्लामी तालीम और बेहतर ट्रेनिंग के साथ उम्दा अखलाकीयात सिखाई जा सकें।
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