2 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
सीनचर, 25 मार्च 2023
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एक गिरफ़्तार
लंदन : आईएनएस, इंडियाबर्तानिया में पीर के रोज एक पाकिस्तानी नमाजी मुहम्मद रियाज को मस्जिद से घर जाते हुए रास्ते में एक शख़्स ने आग लगा दी। रियाज एजबस्टन की एक मस्जिद से निकले और वापिस अपने करीबी घर की तरफ जा रहे थे कि उन जैसे ही एक राहगीर ने उन्हें फुटपाथ पर रोक कर पूछा कि क्या वो अरबी बोलते हैं। 70 साला रियाज ने जवाब दिया कि वो सिर्फ गुजराती और उर्दू बोलते हैं। उसी दौरान उस शख्स ने गैर मुतवक़्के तौर पर कोई नामालूम चीज उन पर छिड़क कर उसे आग लगा दी और रात के अंधेरे में उन्हें चीखता और दर्द से कराहता छोड़कर भाग गया।
पाकिस्तानी रियाज के बेटे ने चीखें सुनीं तो मदद के लिए लोगों को पुकारा और खानदान के अफराद के साथ पुलिस और एम्बूलेंस बुलाकर रियाज को हस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों ने देखा कि झुलसने में उनके बाजू, सीना और चेहरा जल गया है। सूजन की वजह से आँखें खोलना मुश्किल था। बुध की शाम को उनकी ताजा तरीन मेडीकल रिपोर्ट के मुताबिक रियाज की जान को खतरा नहीं है।
रियाज तवील अरसे से बर्तानवी शहर बर्मिंघम में मुकीम हैं। मुकामी मीडीया के मुताबिक मंगल को पुलिस ने एक मुश्तबा (संदिग्ध) शख़्स को गिरफ़्तार कर लिया है। ये मुश्तबा हमला-आवर सूडानी शहरी है। नमाजियों ने उसका उस वक़्त इस मुहासिरा किया, जब वो उस मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए पहुंचा जहां वो फरवरी के आखिर से अक्सर आता था। जलाए गए पाकिस्तानी रियाज से मुताल्लिक ये बात सामने आई है कि वो एक रिटायर्ड स्कूल प्रिंसिपल है। इलाके के मकीनों ने वो मआशरे में काफी इज्जतदार हैं। वे एक फार्म पर काम करते थे। अपनी रिटायरमेंट से पहले मुर्गियां पालने के लिए उन्होंने फार्म बनाया था। वो एक बाइज्जत और मुकम्मल तौर पर पुरसुकून रहने वाले शख़्स थे। उनसे किसी को कोई मसला नहीं था। वो एक एतिदाल पसंद मजहबी शख़्स थे और रोजाना 5 मर्तबा मस्जिद में हाजिर होते थे। पुलिस ने हमले को एक दूसरे हमले से भी जोड़ा है। ऐसा ही वाकिया लंदन के उलंग रिहायशी मुहल्ले में 27 फरवरी को पेश आया था जिसमें एक 82 साला बूढ़े को आग लगा दी गई थी।
गैर वैक्सीनशुदा अफराद को भी हरमैन शरीफैन में नमाज अदायगी की इजाजत
रियाद : वजारत हज-ओ-उमरा ने कहा है कि कोरोना के हवाले से गैर वैक्सीनशुदा अफराद को भी मस्जिद हराम और मस्जिद नबवी (ﷺ) में नमाज अदा करने की इजाजत है। ताहम उनके लिए शर्त ये है वो खुद कोरोना के मरीज न हों और ना किसी मुतास्सिरा शख़्स के राबते में हों। वजारत ने कहा ऐसे अफराद 'नसक' एप के जरीये उमरा करने के लिए परमिट भी हासिल कर सकते हैं। वजारत हज-ओ-उमरा ने आफिशियल टवीटर अकाउंट पर इस्तिफादा कुनुन्दगान के एक सवाल कि उमरा के रिजर्वेशन के लिए वैक्सीन की डोज मुकम्मल करने की जरूरत है या नहीं, के जवाब में कहा कि गैर वैक्सीनशुदा अफराद को भी दोनों मुकद्दस मसाजिद में नमाज अदा करने की इजाजत है। उमरा करने के लिए 'नसक' एप से इजाजतनामा लेना जरूरी है। ताहम उन अफराद के लिए शर्त ये है कि वो खुद कोरोना से मुतास्सिरन हों और ना ही कोरोना वाइरस से मुतास्सिरा किसी शख़्स के राबते में हों।