23 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
जुमेरात, 16 मार्च 2023
मुंबई : आईएनएस, इंडिया
माह रमजान उल-मुबारक की आमद है और इमकान है कि इमसाल बड़े जोशोखरोश से रमजान उल-मुबारक रिवायती मजहबी अकीदत के साथ मनाया जाएगा, वैसे हकीकत ये है कि 2020 और 2021 में कोरोना की वजह से जो सख़्त पाबंदियां नाफिज रही, गुजिश्ता साल चंद पाबंदियों के साथ बड़ी राहत दे दी गई थी, हालांकि सुब्ह-ए-सादिक और फज्र की अजान के लिए लाउड स्पीकर का मसला उठाया गया था, क्योंकि एक सियासी पार्टी ने स्पीकर के इस्तिमाल पर एतराज उठाते हुए पाबंदी लगाने का मुतालिबा किया था। गुजिश्ता साल माह रमजान के बाद पुलिस हरकत में आई और जगह-जगह कार्रवाई भी की, फज्र ही नहीं बल्कि दूसरे औकात में भी स्पीकर की आवाज दबाव डाल कर कम करवाई गई। इमसाल सहरी और फज्र में लाउड स्पीकर के इस्तिमाल का मसला हनूज बरकरार है, माह मुकद्दस की शुरूआत को सिर्फ आठ रोज रह गए हैं, लेकिन मुस्लमानों की तशवीश का किसी को अंदाज नहीं है, मुस्लमान लीडरशिप खामोश तमाशाई बनी हुई है। शुमाली हिन्दोस्तान खुसूसी तौर पर उत्तरप्रदेश में आवाज कम कर के योगी हुकूमत ने मंजूरी दे दी है। मौसम-ए-सरमा की वजह से अक्सर मसाजिद सुबह छ: बजे के बाद लाउड स्पीकर पर अजान दे देते थे, लेकिन मौसम की तबदीली के साथ सुब्ह-ए-सादिक और तुलू-ए-आफ़्ताब के औकात में तबदीली वाके हो रही है, इसलिए लाउड स्पीकर का इस्तिमाल सुबह छ: बजे से पहले मुम्किन है, इसलिए रियास्ती हुकूमत से कई तंजीमें और इदारे दरखास्तें कर रहे हैं कि माह रमजान में जो कि इंशा अल्लाह 23 मार्च से शुरू होंगे और एक महीने मुस्लमान रोजे रखे जाएंगे और इबादत की जाएगी। लेकिन अब तक किसी सियासी जमात या सोशल मुस्लिम तंजीम ने इकतिदार की तवज्जा इस जानिब मबजूल नहीं करवाई है जिसके सबब आम मुस्लमान कंफ्यूज नजर आता है। इस बारे में सरकारी सतह पर काम करने की जरूरत है।
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