25 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
सनीचर, 18 मार्च 2023
लंदन : आईएनएस, इंडिया
कैनेडा में जाली दस्तावेजात की बुनियाद पर दाखिला लेने वाले इंडियन तलबा को बॉर्डर स्कियोरटी एजेंसी ने मुल्क छोड़ने का हुक्म दिया है। खबर के मुताबिक रियासत पंजाब के शहर जालंधर में एजूकेशन माईग्रेशन सर्विसिज के नाम से कायम एक निजी इदारे के जरीये 700 तलबा ने स्टडी वीजे के लिए अप्लाई किया था। इदारे ने फी तालिबे इल्म से 16 लाख रुपय से ज्यादा की रकम लेते हुए टोरांटो के हमबर इंस्टीटियूट नामी नामवर कॉलेज में दाखिले की यकीन दहानी करवाई थी जिसमें दाखिले की फीस भी शामिल थी। 2018 से 2019 के दरमयान कैनेडा जाने वाले तलबा का फ्राड उस वक़्त सामने आया, जब उन्होंने परमानेंट रेजीडेंसी के लिए दरखास्त दायर की। लेकिन तब तक उनमें से अक्सर तलबा की तालीम मुकम्मल हो चुकी थी और वे कैनेडा में मुलाजमत का तजुर्बा भी हासिल कर चुके थे। इमीग्रेशन हुक्काम ने जब कॉलेज की जानिब से दिए गए एडमीशन आॅफर लेटर की जांच पड़ताल की तो मालूम हुआ कि जाली खत की बुनियाद पर वीजा जारी किया था। माहिरीन के मुताबिक पहली मर्तबा इस नौईयत (नेचर) का इतना बड़ा फ्राड सामने आया है। जालंधर से ताल्लुक रखने वाले एक कन्सलटेंट ने बताया कि तलबा को जिन कालेज के आॅफर लेटर फराहम किए गए, उन्होंने वहां से डिग्री हासिल नहीं की। उन्हें दीगर कालेज में मुंतकिल कर दिया गया या फिर अगले सेमेस्टर तक इंतिजार करने का कहा गया जबकि वीजे की दरखास्त में कुछ और मालूमात फराहम की गई थीं। माहिरीन के मुताबिक कैनेडा जाने की खाहिश रखने वाले तलबा का फायदा उठाते हुए चंद एजेंटस उन्हें धोकादही के तहत वीजे जारी करवा देते हैं। इन 700 तलबा में से एक तालिबे इल्म ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने कैनेडा के सरकारी कॉलेज से कम्पयूटर साईंस में डिप्लोमा मुकम्मल कर लिया है जबकि वीजा के लिए अप्लाई करते वक़्त एजेंट ने एक निजी कॉलेज का आॅफर लेटर फराहम किया था। तालिबे इल्म के मुताबिक फीस कम होने की वजह से उन्होंने प्राईवेट की बजाय सरकारी कॉलेज में जाने की खाहिश का इजहार किया जिस पर एजेंट ने फीस वापिस करते हुए दूसरे कॉलेज में दाखिला लेने में भी मदद की, ताहम कॉलेज में तबदीली के हवाले से कैनेडा की हुकूमत को नहीं आगाह किया था। एक और कन्सलटेंट ने कहा कि इस केस में कालेज से भी तहकीकात करनी चाहिए और जानना चाहिए कि लेटर जाली थे या फिर कॉलेज की जानिब से ही जारी किए गए थे। तलबा का कहना है कि तमाम मुआमले में एजेंट ने इंतिहाई होशियारी से काम लेते हुए किसी भी कागज पर अपने दस्तखज नहीं किए बल्कि तलबा से ही दस्तखत करवाया लिहाजा एजेंट के मुलव्विस होने के शवाहिद मिलना मुश्किल होगा।
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