आरएसी मुख्यालय पर सजी कुल शरीफ की महफिल
उलेमा ने बयान की गरीब नवाज की शान
नई तहरीक : बरेली शरीफ
आल इंडिया रजा एक्शन कमेटी (आरएसी) के ख्वाजा कुतुब वाके हेडक्वार्टर ‘बैतुर्रजा’ पर सुल्तानुल हिन्द, अता-ए-रसूल, हजरत ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह की कुल शरीफ की फातेहा का अकीदत-ओ-एहतराम के साथ इनएकाद किया गया। इस रूहानी महफिल की सरपरस्ती आरएसी के सदर मौलाना अफरोज रजा कादरी ने और सदारत नबीरा-ए-आला हजरत व आरएसी के नायब सदर मौलाना अदनान रजा कादरी ने की। इस माौके पर जनाब अदनान मियां ने खुसूसी दुआ फरमाई।
तकरीर के दौरान नबीरा-ए-आला हजरत मौलाना अदनान रजा कादरी ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह सुल्तानुल हिन्द हैं। मस्जिदों के ऊंचे-ऊंचे मीनार, दीनी दर्सगाहें और खानकाहें, ये सब कुछ गरीब नवाज का ही सदका है। उन्होंने कहा, गरीब नवाज, उस हस्ती का नाम है, जिन्होंने 90 लाख लोगों को कलमा शरीफ पढ़ाकर उनके दिलों में ईमान की शमा रोशन की। उन्होंने कहा, गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह की जिÞंदगी इतनी सादा थी कि रहने को झोपड़ी तक न थी, मगर रब ने उन्हें रूहानी खजानों से मालामाल फरमाया। ख्वाजा गरीब नवाज बेबसों और बेकसों के दस्तगीर हैं। हम उन्हीं का सदका पाते हैं।
इस मौके पर मुफ्ती उमर और मुफ्ती इरशाद ने भी तकरीर फरमाई। आलम रजा बरकाती, मीर हसन, मुफ्ती इमरान और मौलाना सद्दाम रजा ने नातो-मनकबत के नजराने पेश किए। आखिर में सलाम पढ़ा गया। फातिहाख्वानी के बाद मौलाना अदनान रजा कादरी ने खुसूसी दुआ फरमाई। उर्स-ए-गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह की नूरानी महफिल के बाद आम लंगर हुआ, जिसमें बड़ी तादाद में अकीदतमंदों ने तबर्रुक हासिल किया। इस मौके पर मुफ्ती उमर रजा, मुफ्ती इरशाद रजा, मुफ्ती इमरान रजा, मौलाना कमरुज्जमा, मौलाना सद्दाम रजा, शायरे इस्लाम मीर हसन, आलम रजा बरकाती, मौलाना रफी, मौलाना अजीम अजहर, अब्दुल हलीम खान, अब्दुल लतीफ कुरैशी, मुशाहिद रफत खान, ताज खान, सय्यद नासिर अली, रजब अली, सईद सिब्तैनी, मुजाहिद रजा, राशिद रजा, रेहान यार खान, तौहीद रजा, फारुख रजा, तहसीनी तरबउद्दीन, जिलेदार खान, मंसूर अली, जिया उर रहमान, शोएब रजा, उवैस खान, अफजल रजा, रिजवान रजा, शाहनवाज रजा, राशिद अली, मुस्तकीम खान, अजहर रजा, इब्ने हसन, मोहम्मद चांद, सुहैल रजा, यूसुफ रजा, इरशाद रजा, आकिब रजा, अमान रजा, सादिक रजा, अजीज रजा, इश्तियाक हुसैन, उस्मान रजा, यूसुफ गद्दी सहित बड़ी तादाद में अकीदतमंद मौजूद थे।
तकरीर के दौरान नबीरा-ए-आला हजरत मौलाना अदनान रजा कादरी ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह सुल्तानुल हिन्द हैं। मस्जिदों के ऊंचे-ऊंचे मीनार, दीनी दर्सगाहें और खानकाहें, ये सब कुछ गरीब नवाज का ही सदका है। उन्होंने कहा, गरीब नवाज, उस हस्ती का नाम है, जिन्होंने 90 लाख लोगों को कलमा शरीफ पढ़ाकर उनके दिलों में ईमान की शमा रोशन की। उन्होंने कहा, गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह की जिÞंदगी इतनी सादा थी कि रहने को झोपड़ी तक न थी, मगर रब ने उन्हें रूहानी खजानों से मालामाल फरमाया। ख्वाजा गरीब नवाज बेबसों और बेकसों के दस्तगीर हैं। हम उन्हीं का सदका पाते हैं।
इस मौके पर मुफ्ती उमर और मुफ्ती इरशाद ने भी तकरीर फरमाई। आलम रजा बरकाती, मीर हसन, मुफ्ती इमरान और मौलाना सद्दाम रजा ने नातो-मनकबत के नजराने पेश किए। आखिर में सलाम पढ़ा गया। फातिहाख्वानी के बाद मौलाना अदनान रजा कादरी ने खुसूसी दुआ फरमाई। उर्स-ए-गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह की नूरानी महफिल के बाद आम लंगर हुआ, जिसमें बड़ी तादाद में अकीदतमंदों ने तबर्रुक हासिल किया। इस मौके पर मुफ्ती उमर रजा, मुफ्ती इरशाद रजा, मुफ्ती इमरान रजा, मौलाना कमरुज्जमा, मौलाना सद्दाम रजा, शायरे इस्लाम मीर हसन, आलम रजा बरकाती, मौलाना रफी, मौलाना अजीम अजहर, अब्दुल हलीम खान, अब्दुल लतीफ कुरैशी, मुशाहिद रफत खान, ताज खान, सय्यद नासिर अली, रजब अली, सईद सिब्तैनी, मुजाहिद रजा, राशिद रजा, रेहान यार खान, तौहीद रजा, फारुख रजा, तहसीनी तरबउद्दीन, जिलेदार खान, मंसूर अली, जिया उर रहमान, शोएब रजा, उवैस खान, अफजल रजा, रिजवान रजा, शाहनवाज रजा, राशिद अली, मुस्तकीम खान, अजहर रजा, इब्ने हसन, मोहम्मद चांद, सुहैल रजा, यूसुफ रजा, इरशाद रजा, आकिब रजा, अमान रजा, सादिक रजा, अजीज रजा, इश्तियाक हुसैन, उस्मान रजा, यूसुफ गद्दी सहित बड़ी तादाद में अकीदतमंद मौजूद थे।