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मलबे के ढेर से आ रही आवाजें, ‘मैं जिंदा हूं, कोई मदद करो’

दमिश्क : आईएनएस, इंडिया 
शाम में जंग के शोलों से बच निकल कर तुरकिया में पहुंचने वाले नौजवान को वहां पर भी मौत को अपनी आँखों से देखना पड़ेगा। ये एक शामी लड़के की कहानी है जो ये सोच कर अपने मुल्क के जहन्नमजार से निकला था कि यहां पर मौत के जारी रक़्स से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी है। वो हिज्रत करके तुरकिया के शहर हाताए पहुंच गया ताहम यहां जिस इमारत में उसे रखा गया था वो पीर की सुबह के जलजला में गिर कर तबाह हो गई। 
मलबे के ढेर से आ रही आवाजें, ‘मैं जिंदा हूं, कोई मदद करो’
    शामी नौजवान ने मलबे के नीचे से वीडीयो क्लिप फिल्माया और एहसासात बयान किए। नौजवान कहता सुनाई दे रहा है कि मैं जिंदा हूँ। नौजवान वीडीयो में ये बताता हुआ नजर आया कि उसका एहसास नाकाबिल बयान है। उसने कहा कि उसका खानदान और बहुत से दूसरे खानदान मलबे तले दबे हुए हैं। जगह-जगह मलबे के ढेर से आवाज आ रही है, ‘मैं जिंदा हूं, कोई मेरी मदद करो।’ उसने बताया कि उसे मलबे के दरमयान इमारत के गिरने से लोगों के रोने की आवाजें सुनाई दे रही थीं। याद रहे, इमदादी टीमें तुरकिया और शाम में आने वाले शदीद जलजले के बाद जिंदा बच जाने वालों की तलाश में वक़्त के साथ दौड़ रही हैं। जलजला में तक 8 हजार से जाइद अफराद के जांबाहक होने की तसदीक हो गई है। एक अंदाजे के मुताबिक हलाकतों की तादाद 20 हजार तक पहुंचने का भी खदशा है। तुरकिया और शाम में आने वाले इस जलजला में हजारों इमारतें मुनहदिम हो गई हैं।

पूरा खानदान जांबहक हो गया, रो पड़ा शामी नौजवान  

दमिश्क : तुरकिया और शाम में खौफनाक जलजला के बाद दिल को दहला देने वाले मुनाजिर सामने आ रहे हैं। एक नए दिल दहला देने वाले वीडीयो क्लिप में एक शामी शहरी को अपने खानदान के अफराद के नुक़्सान पर दिल से रोते हुए दिखाया गया है। 
    एक शामी शहरी को अपने तमाम अहिल-ए-खाना के साथ रोते हुए दिखाया गया है। वो और दीगर लोग अदलब गवर्नरी के शहर सराकब में इमारत के गिरने के नतीजे में मलबे के नीचे से मुर्दा अफराद को निकाल रहे थे। इस मौका पर बाप ने रोते हुए कहा कि या रब, मुझे उनके साथ सब्र अता फर्मा। तुर्की और शाम में पीर की सुबह 7.8 शिद्दत का जलजला आया जिसमें मंगल की रात तक 7500 से जाएद अफराद के जांबाहक होने की तसदीक हो गई है। कई इमारतें तबाह हो गई हैं। पूरे के पूरे शहर में इमारतें एक लाईन में गिरी हुई दिखाई दे रही हैं। मरने वालों की तादाद में मुसलसल इजाफा हो रहा है क्योंकि बहुत बड़ी तादाद में लोग अब भी मुनहदिम इमारतों के मलबे तले दबे हुए हैं। वर्ल्ड हैल्थ आगेर्नाईजेशन ने 20 हजार से करीब हलाकतों का खदशा जाहिर किया है।


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