हजरे अस्वद के करीब 11 लाख से ज्यादा लोगों ने की नमाज अदा
रियाद : आईएनएस, इंडिया
![]() |
masjid-e-haram, makka mukarrama |
आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक गाड़ियों की नकल-ओ-हमल की खिदमात के लिए एक साल के दौरान 15 लाख से ज्यादा मेहमानों की खिदमत की गई। डाक्टर अल सदीस का मजीद कहना था कि मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में बुजुर्गों और माजूरों को बेहतर सहूलयात फराहम करने के लिए 50 से जाइद गाड़ियां सिर्फ़ मुअम्मर अफराद और खास जरूरत वाले अफराद के लिए मुखतस कर दी गई हैं। साल 2023 के दौरान दोनों मुकद्दस मसाजिद में रजाकारों (स्वयंसेवकों) की तादाद बढ़ाई जा रही है। गाड़ी की खिदमात को जरूरतमंद अफराद तक पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक आर्डर की सहूलत फराहम की जा रही है, जबकि मस्जिद उल-हराम में इलेक्ट्रॉनिक तवाफ की सर्विस की फराहमी भी मुम्किन बनाई जाएगी।
मस्जिद हराम : बारिश में जाइरीन की सहूलत के लिए 42 सौ मुलाजमीन ने खिदमात अंजाम दिए
रियाज : मस्जिद हराम और मस्जिद नबवी (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) के उमूर की जनरल रेजीडेंसी ने मस्जिद हराम में बारिश होने पर नमाजियों और जायरीन को बेहतर सहूलयात की फराहमी के लिए बेहतरीन कोशिश की।
जनरल प्रेजीडेंसी की नुमाइंदगी करने वाली एजेंसी बराए माहौलियाती तहफ़्फुज व खिदमात ने मस्जिद हराम में बारिशों के सीजन में खिदमात अंजाम देने के लिए 200 सुपर वाइजर और 4 हजार से जाइद कारकुनों को काम तफवीज किए जिन्होंने मुकद्दस तरीन मस्जिद की देख-भाल में हिस्सा लिया।
एजेंसी की जनरल प्रेजीडेंसी के अंडर सेक्रेटरी इंजीनियर अहमद बिन उमर ने बताया कि मताफ, नमाज के मुकामात, दाखिली और खारिजी रास्तों में जैसे ही बारिश एक चौथाई घंटे में रुक गई, हमारा अमला बारिश के असरात को दूर करने के लिए मुतहर्रिक हो गए। उन्होंने मजीद कहा कि ये मस्जिद हराम के जाइरीन की हिफाजत को बरकरार रखने के लिए किया गया ताकि वो अपनी रसूमात को आसानी और सहूलत से अदा कर सकें। हरम शरीफ के अंदर और बाहर वाटर सक्शन के आलात और धुलाई के आलात तकसीम कर के खुश्क करने के अमल में मूसिर किरदार अदा किया गया। मताफ सेहन, बैरूनी चौकों और मस्जिद की छत में मेकानिजम और आलात की तकरीबन 500 मशीने पहुंचाई गई। इंजीनियर अहमद बिन उमर ने जोर दे कर कहा कि एजेंसी ऐसे मुआमलात के लिए हंगामी मंसूबा बंदी के जरीये अपनी तैयारीयों को तेज कर रही है। उसने बारिशों की तैयारी के लिए एक एहतियाती मन्सूबा भी तैयार किया है जिसकी बुनियाद पर लेबर की तकसीम और निगरानी के आलात को मुनासिब तादाद में जगहों पर पहुंचाया जाएगा।
जनरल प्रेजीडेंसी की नुमाइंदगी करने वाली एजेंसी बराए माहौलियाती तहफ़्फुज व खिदमात ने मस्जिद हराम में बारिशों के सीजन में खिदमात अंजाम देने के लिए 200 सुपर वाइजर और 4 हजार से जाइद कारकुनों को काम तफवीज किए जिन्होंने मुकद्दस तरीन मस्जिद की देख-भाल में हिस्सा लिया।
एजेंसी की जनरल प्रेजीडेंसी के अंडर सेक्रेटरी इंजीनियर अहमद बिन उमर ने बताया कि मताफ, नमाज के मुकामात, दाखिली और खारिजी रास्तों में जैसे ही बारिश एक चौथाई घंटे में रुक गई, हमारा अमला बारिश के असरात को दूर करने के लिए मुतहर्रिक हो गए। उन्होंने मजीद कहा कि ये मस्जिद हराम के जाइरीन की हिफाजत को बरकरार रखने के लिए किया गया ताकि वो अपनी रसूमात को आसानी और सहूलत से अदा कर सकें। हरम शरीफ के अंदर और बाहर वाटर सक्शन के आलात और धुलाई के आलात तकसीम कर के खुश्क करने के अमल में मूसिर किरदार अदा किया गया। मताफ सेहन, बैरूनी चौकों और मस्जिद की छत में मेकानिजम और आलात की तकरीबन 500 मशीने पहुंचाई गई। इंजीनियर अहमद बिन उमर ने जोर दे कर कहा कि एजेंसी ऐसे मुआमलात के लिए हंगामी मंसूबा बंदी के जरीये अपनी तैयारीयों को तेज कर रही है। उसने बारिशों की तैयारी के लिए एक एहतियाती मन्सूबा भी तैयार किया है जिसकी बुनियाद पर लेबर की तकसीम और निगरानी के आलात को मुनासिब तादाद में जगहों पर पहुंचाया जाएगा।
मुकद्दस तरीन दोनों मसाजिद में आने वालों को बेहतरीन खिदमात फराहम करने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि बारिश होते ही बारिश की जैकेटस भी फौरी फराहम कर दी गई थीं और काफी तादाद में प्लास्टिक वॉकरज को मर्कजी और सानवी दाखिली रास्तों और एस्कलेटरज के दाखिली रास्तों पर फैला दिया गया था। पानी की निकासी वाले मेन होलज और मुआइना के कमरों की सफाई भी की गई थी ताकि ये यकीनी बनाया जा सके कि वो बलॉक ना हो।
nai tahreek, naitahreek, tahreek, tahreeke nav