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सर्वे : बर्तानवी शहरियों को बहुविवाह में दिलचस्पी


लंदन : आईएनएस, इंडिया
 

हालिया सर्वे में हैरानकुन तौर पर ये बात सामने आई है कि एक तिहाई बर्तानवी एक से ज्यादा बीवीयों या साथी के साथ रहने के आयडिये को वेलकम किया है। बशर्ते, ये कानूनी तौर पर और रजामंदी से हो। 

वेल्ज की एक यूनीवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बर्तानिया में एक हजार लोगों से पूछा था कि वो अपने साथी को दूसरे शख़्स के साथ शेयर करने या खुद किसी दूसरे के साथ ताल्लुक रखने के बारे में क्या सोचते हैं, जवाब में 32 फीसद मर्दों ने कहा, यह अच्छा आयडिया है। सिर्फ 5 फीसद लेडीज ने इसके पक्ष में वोट नहीं किया। बर्तानवी अखबार टाईम्स की कवरेज से मालूम होता कि मर्द बहुविवाह में दिलचस्पी रखते हैं। सर्वे में शामिल लोगों की औसत उम्र 33 साल थी जो पहले चरण की औसत उम्र 25 साल से ज्यादा थी। 39 फीसद मर्दों ने कहा, वो बहुविवाह के पक्ष में हैं। जबकि महिलाओं में से सिर्फ 5 फीसद ने उसे कबूल किया। गौरतलब है कि बर्तानिया में मर्द की दो औरतों से शादी और औरत की दो मर्दों से शादी की सजा 7 साल जेल है।

जिन्सी हमले की शिकार बुजुर्ग खातून को अपनी मर्जी से मौत को गले लगाने की इजाजत

ब्रूसेल्ज : मुअम्मर (बुजुर्ग) खातून ने खुद पर होने वाले जिन्सी हमले े(बलात्कार) की नाकाबिल-ए-बर्दाश्त तकलीफ के बाद अदालत से मरने की इजाजत तलब की, जिसे कबूल कर लिया गया है। 

बेलजियम मीडीया में शाइआ होने वाली इस अफसोसनाक वाकिया की तफसीलात के मुताबिक बेलजियम के दूसरे बड़े शहर में एक 36 साला नशे के आदी फर्द ने एक ओल्ड होम में दाखिल होकर 89 साला माजूर खातून को जिन्सी ज्यादती का निशाना बना डाला। इस जिस्मानी हमले के दौरान खातून किसी ना किसी तरह अलार्म बजाने में कामयाब हो गई। जिस पर ओल्ड रेजीडेंशल होम का अटेंडेंट, जो उसे पहले दाखिल होते हुए नहीं देख सका था, फौरी तौर पर मदद को आया। मुल्जिम ने दरवाजे के सामने अंदर से मेज रखी हुई थी। लेकिन किसी तरह मददगार अंदर दाखिल हो गया और उसने दर्द से तड़पती खातून को संभाला। उसी दौरान मददगार को देखकर वो शख़्स उकबी (पिछले) दरवाजे से फरार हो गया। पुलिस ने बादअजां नशे में धुत उस शख़्स को गिरफ़्तार कर लिया  जिसे 8 साल की सजा सुना दी गई है। लेकिन इस वाके का सबसे दिलखराश पहलू ये है कि इस जिन्सी ज्यादती का शिकार खातून ने अदालत से दरखास्त की कि वो इस माजूरी की हालत में अपने ऊपर होने वाले हमले से पहुंचने वाली जहनी और जिस्मानी तकलीफ बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसलिए उसे तिब्बी तौर पर तकलीफ के बगैर तरीके के जरीये मौत को गले लगाने की इजाजत दी जाए। अदालत ने खातून की इस्तिदा मंजूर करते हुए उसे अपनी मर्जी से जिंदगी का खात्मा करने की इजाजत दे दी है। 


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