‘होलो कास्ट’ : डे आश्वित्ज का कुख्यात कैदखाना
न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया
अमरीका में मुत्तहदा अरब अमीरात (संयुक्त अरब) के सिफारतखाने (एंबेसी) ने कहा है कि मुल्क के प्राइमरी और सानवी स्कूलों में तारीख की जमातों (इतिहास के स्टूडेंट्स) में ‘होलो कास्ट’ के बारे में तालीम दी जाएगी।
सिफारत खाना ने पीर को अमीरात में पढ़ाए जानेवाले ‘होलो कास्ट’ के मुजव्वजा निसाब (प्रस्तावित पाठ्यक्रमू) और तालीमी हुक्काम के बारे में कोई तफसील फराहम नहीं की जबकि उधर यूएई में किसी सरकारी ओहदादार महिकमे की जानिब से इस ऐलान पर कोई रद्द-ए-अमल जाहिर नहीं किया गया। ताहम (हालांकि) ये ऐलान मुत्तहदा अरब अमीरात की जानिब से 2020 में सदर डोनल्ड ट्रम्प की इंतिजामीया की सालिसी (मध्यस्थता) में इसराईल से तयशुदा मुआहिदा इब्राहीम के तहत ताल्लुकात को मामूल पर लाने के इकदामात के जिÞमन में सामने आया है।
सिफारत खाना ने एक ट्वीट में इस मुआहिदे का हवाला देते हुए कहा कि तारीखी इब्राहीम मुआहिदा के तनाजुर में (मुत्तहदा अरब अमीरात) अब प्राइमरी और सेकंडरी स्कूलों के निसाब में ‘होलो कास्ट’ को शामिल करेगा। इस मुआहिदे के तहत बहरीन और बिलआखिर मराकश ने भी इसराईल को बतौर रियासत तस्लीम किया था और इसके साथ मामूल के ताल्लुकात उस्तवार किए थे। अमरीका की खुसूसी एलची डीबोरा ई लेप्सटेड ने अपने ट्वीट में इस ऐलान की तारीफ की है।
उन्होंने ‘होलो कास्ट’ के लिए इब्रानी लफ़्ज ‘शिवा’ इस्तिमाल करते हुए लिखा कि ‘होलो कास्ट’ की तालीम इन्सानियत के लिए लाजिÞमी है और बहुत से ममालिक तवील अर्से से सियासी वजूहात की बिना पर इसे कमतर समझते रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं मुत्तहदा अरब अमीरात के इस इकदाम की तारीफ करती हूँ और उम्मीद करती हूँ कि दूसरे मुल्क भी जल्द ही इसकी पैरवी करेंगे।
ये ऐलान गुजिश्ता पीर को अबूधाबी में नीगीफ फोरम वर्किंग ग्रुप्स के इजलास के मौका पर सामने आया है। इसमें बहरीन, मिस्र, इसराईल, मराकश, मुत्तहदा अरब अमीरात और अमरीका के हुक्काम शिरकत कर रहे हैं। मिस्र ने चार दहाई से ज्यादा अरसा कब्ल इसराईल को सिफारती सतह पर तस्लीम कर लिया था और वह उसके साथ मामूल के ताल्लुकात उस्तवार करने वाला पहला अरब मुल्क था। ‘होलो कास्ट’ में नाजी जर्मनी ने दूसरी जंग-ए-अजीम के दौरान मुनज्जम तरीके से मुबय्यना (कथित) तौर पर 60 लाख योरपी यहूदीयों को हलाक कर दिया था। होलो कास्ट के बाद 1948 में यहूदीयों की पनाहगाह के तौर पर कायम होने वाला इसराईल यहूदी नस्ल के किसी भी शख़्स को खुद ही शहरीयत देता है। दीगर अरब ममालिक ने इसराईल को सिफारती तौर पर तस्लीम करने से इनकार कर दिया है क्योंकि वो इसराईल के जेर-ए-कब्जा फलस्तीनी सरजमीन पर फलस्तीनीयों के लिए एक आजाद फलस्तीनी रियासत का कियाम चाहते हैं। मुत्तहदा अरब अमीरात के सिफारत खाने की जानिब से इस ऐलान से एक हफ़्ता कबल ही इसराईली काबीना के एक सख़्त गीर सहयोनी कौम परस्त वजीर ने मकबूजा बैतुल-मुकद्दस (यरूशलम) में मस्जिद-ए-अकसा का दौरा किया था। यूएई, सऊदी अरब और दीगर अरब ममालिक ने उनके इस दौरे की मुजम्मत की थी।