नई तहरीक : दुर्ग
आजादी के अमृत महोत्सव की अमृत बेला में विवेकानंद जयंती के अवसर पर ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के अध्यक्ष डा. विश्वनाथ पाणिग्रही के नेतृत्व में दर्रेकसा, हाजरा फाल में विवेकानंद जयंती मनाई गई।
इस मौके पर पैरामेडिकल कॉलेज, बालाघाट (मध्यप्रदेश) के स्टूडेंट्स भी शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉक्टर विश्वनाथ पाणिग्राही ने कहा कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सीमा पर राजनांदगांव से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित महाराष्ट्र प्रदेश के गोंदिया जिला अंतर्गत दर्रेकसा, हाजरा फाल में स्वामी विवेकानंद को 14 वर्ष की आयु में प्रथम आध्यात्मिक अनुभूति हुई थी। इस स्थल को स्वामी विवेकानंद का प्रथम भाव समाधि स्थल (फर्स्ट ट्रांसप्लेस) के रूप में भी जाना जाता है। इस घटनाक्रम का उल्लेख पत्र-पत्रिकाओं एवम लेखक देवाशीष राय द्वारा लिखित पुस्तक ‘जर्नी फ्रॉम नागपुर टू रायपुर’ में भी मिलता है।
श्री पाणीग्रही ने मांग की कि उक्त स्थल पर स्वामी विवेकानंद का भव्य स्मारक बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत माता के गौरव को विश्व मंच पर स्थापित करने वाले भारत माता की दिव्य संतान, महान संत स्वामी विवेकानंद की भाव स्थली प्रशासनिक उपेक्षा का दंश ोल रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर एवं ट्वीट कर ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया ने उक्त स्थल को स्वामी विवेकानंद पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग करते हुए कहा कि इससे तीर्थाटन, पर्यटन की अपार संभावनाएं बढ़ेगी तथा महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के बीच एक नया पर्यटन स्थल स्वरूप ले लेगा। इससे दोनों ही प्रदेशों के राजस्व में वृद्धि होगी।