इस्लामी इकदार हिन्दुस्तानी तहजीब का बुनियादी जुज : अब्बास रिजवी
पुंछ, नई दिल्ली, टीएन भारती : आईएनएस, इंडिया
नौजवानों के लिए तशद्दुद (हिंसा) का रास्ता तर्क करने और अमन-ओ-अमान की मशाल रोशन करने की गरज से जम्मू के जिÞला पोंछ में जेके पीपल्ज फ्रंट के जेर-ए-एहतिमाम हकीकी इस्लाम और महवर इन्सानियत उनवान के तहत एक रोजा सेमीनार मुनाकिद किया गया।
इस मौका पर जेके पीपल्ज फ्रंट के रूह-ए-रवां आगा सैय्यद अब्बास रिजवी ने अपने ख़्यालात का इजहार करते हुए कहा कि इन्सानियत की तब्लीग में मजहबी रहनुमाओं ने अहम किरदार अदा किया है। इस्लामी तआवुन तंजीम ओआईसी पर तन्कीद करते हुए अब्बास रिजवी ने कहा कि ओआईसी को हिन्दोस्तान में मौजूद मुस्लिम अकलीयती फिरका की मौजूदगी, अखलाकीयात, मजहबी रवादारी में उनके तआवुन को तस्लीम करना चाहीए। उन्होंने कहा कि ओआईसी दहश्तगर्दी को फरोग देने वाले अनासिर को पामाल करने में मुआविन साबित होगा।
अब्बास रिजवी ने मजीद कहा कि अमन, मुसावात और इन्साफ इस्लामी इकदार हिन्दुस्तानी तहजीब के बुनियादी जुज हैं। दहश्तगर्दी के खिलाफ जंग किसी मजहब या तहजीब के खिलाफ जंग नहीं। इस्लामी स्कालरज को एक ऐसी पालिसी तैयार करनी चाहिए जिसके जरीये किसी बेगुनाह शख़्स को दहश्तगर्द बनने से रोका जा सके। मौलाना मुजफ़्फर हुसैन ने जम्मू कश्मीर में फिरकावाराना ताकत को मिस्मार करने और भाईचारे की कदीम रिवायत को बहाल करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी मुआशरे में तशद्दुद की कोई गुंजाइश नहीं। उन्होंने कहा कि कश्मीरी मुस्लमानों और पंडितों को एक-दूसरे के साथ बाहमी रवाबित कायम करने की तरफ तवज्जा मर्कूज करनी चाहिए।
डाक्टर शब्बीर हुसैन ने अवाम से अपील करते हुए कहा कि दहश्तगर्दी जैसी ला-इलाज बीमारी को किसी खास मजहब या फिरका से मुंसलिक नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जमाना-ए-माजी में पार्लियामेंट और मुंबई के दहश्तगर्द हमले तारीख हिंद में स्याह औराक पर रकम किए गए हैं। जबकि इस्लाम मजहब का दहश्तगर्दी से कोई ताल्लुक नहीं। मुआशरे की तरक़्की के लिए दहश्तगर्दी पर काबू पाना अशद जरूरी है। मुकद्दस किताबों की बे-हुरमती और गलत तशरीह पर कदगन लगाना अहम तरीन मरहला है। नौ जवान नसल को राहे रास्त पर लाने की जरूरत है। मारूफ आलमे दीन नाजुक हुसैन ने कहा, रियासत में फिरकावाराना इंतिहापसंदी पर लगाम लगाना जरूरी है।