बर्लिन : आईएनएस, इंडिया
जर्मनी में ट्रैफिक पुलिस के अहलकार उस वक़्त मुश्किल में पड़ गए जब उन्होंने एक ऐसी गाड़ी को खुली सड़क पर तेज रफ़्तारी से दौड़ते हुए देखा जिसका ड्राईवर गहरी नींद के मजे ले रहा था। मगरिबी अखबारात के हवाले से रिपोर्ट किया है कि ड्राईवर की मदद के बगैर ये गाड़ी एक मर्कजी शाहराह (मुख्य सड़क) पर 120 किलोमीटर फी घंटा की रफ़्तार से दौड़ रही थी।
पुलिस इस गाड़ी का लगभग 15 मिनट तक तआकुब (पीछा) करती रही। मीडीया रिपोर्टस के मुताबिक ये गाड़ी खुदकार निजाम के तहत बीमबर्ग की एक सड़क पर चार घंटे से चल रही थी। जब पुलिस को पता चला कि उसका ड्राईवर सो रहा है और उसे अपने गर्द-ओ-पेश का कुछ भी इल्म नहीं तो उन्होंने फ्लैश लाइटें मारना और खतरे का सायरन बजाना शुरू कर दिया। पुलिस ने गाड़ी के ड्राईवर पर इल्जाम आइद किया है कि उसने तेज-रफ़्तार लेन पर गाड़ी को डाला और उसे 'सेल्फ ड्राइविंग मूड पर सेट कर दिया और फिर वो ड्राइविंग सीट पर ही सो गया।
बर्तानवी अखबार 'डेली मेल’ के मुताबिक ये गाड़ी 'टैसला मॉडल 3 थी जो बगैर ड्राईवर के चलने की सलाहीयत रखती है। पुलिस ने उसके 45 साला ड्राईवर को सोते हुए देखा तो उसका पीछा शुरू कर दिया। बताया गया है कि सायरन के मुसलसल बजने के बाद इस शख़्स की आँख खुली। बाअज मुकामी अखबारात ने ये दावा भी किया है कि ये शख़्स सफर से कब्ल नशा करने का आदी है। हुक्काम ने बताया कि वो शख़्स सोया हुआ था, उसकी आँखें मुकम्मल तौर पर बंद थीं जबकि हाथ स्टेअरिंग से काफी दूर थे। जिससे ये शक पैदा हुआ कि वो गाड़ी को आटोमेटिक मूड पर कर के सो गया है। बीमबर्ग की पब्लिक प्रासिक्यूशन ने ड्राईवर के खिलाफ सड़क पर खतरे के सबब बनने का मुकद्दमा दर्ज किया है और उसका ड्राइविंग लाईसेंस भी मुअत्तल कर दिया गया है। ख़्याल रहे कि टैसला की नई गाड़ीयों में 'सेल्फ ड्राइविंग' का सिस्टम इंस्टाल किया गया है। इन गाड़ीयों के बैरूनी जानिब 12 कैमरे नसब हैं और ताकतवर विजन सिस्टम भी मौजूद है। जर्मनी में 2017 में मंजूर होने वाले एक कानून के तहत 'आॅटोमैटिक ड्राइविंग की मखसूस हालात के अलावा इजाजत नहीं है।