न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया
अमरीकी मैगजीन टाईम्स हायर एजुकेशन की रिपोर्ट में साल 2023 के लिए बेहतरीन अरब यूनीवर्सिटीयों से रोशनास कराया गया है। फेहरिस्त में टाप टेन अरब यूनीवर्सिटीयों में से 5 यूनीवर्सिटीयों के साथ सऊदी अरब का काइदाना किरदार भी सामने आया है।
पहले नंबर पर सऊदी किंग अब्दुल अजीज यूनीवर्सिटी है। इस यूनीवर्सिटी ने दुनियाभर में 101 वां नंबर हासिल किया है। किंग फहद यूनीवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एंड मिनरल रिसोर्सेज दूसरे नंबर पर रही। दुनिया की बेहतरीन यूनीवर्सिटीयों में ये 201 से 250 की दर्जाबन्दी में मौजूद है। कतर यूनीवर्सिटी ने अरब मुल्कों की यूनीवर्सिटीयों में तीसरा नंबर हासिल किया है। किंग सऊदी यूनीवर्सिटी चौथे नंबर पर रही। ये यूनीवर्सिटी आलमी रैंकिंग में 251 से 300 की दर्जाबन्दी में भी मौजूद है। अरब दुनिया की पांचवीं बेहतरीन यूनीवर्सिटी शारजा यूनीवर्सिटी है जिसने आलमी रैंकिंग में 251 से 300 नंबरों पर है। अमीरात यूनीवर्सिटी ने छटा मुकाम पाया। अबूजहबी यूनीवर्सिटी और अल फैसल यूनीवर्सिटी ने अरब दुनिया का सातवां और आठवां नंबर हासिल किया और पूरी दुनिया के हिसाब से 300 ता 350 की रैंकिंग हासिल की। नौवीं नंबर पर बेरूत की अमरीकन यूनीवर्सिटी रही और दसवें नंबर पर इमाम मुहम्मद बिन सऊद इस्लामिक यूनीवर्सिटी है।
अरबी जबान सिखाने इंडोनेशिया से 45 मुआहिदे
रियाद : इंडोनेशिया के शहर जकार्ता में सऊदी इलेक्ट्रॉनिक यूनीवर्सिटी ने अरबी आॅनलाइन आलमी यूनीवर्सिटी प्रोग्राम पेश करने इंडोनेशिया के मुख़्तलिफ इलाकों की यूनीवर्सिटीयों के साथ 45 मुआहिदों पर दस्तखत किए।
इस हवाले से इंडोनेशिया की शरीफ हिदायत अल्लाह यूनीवर्सिटी के जेर-ए-एहतिमाम एक तकरीब मुनाकिद की गई। इन मुआहिदों पर दस्तखत अरबी जबान की देखभाल और इसके फरोग में ममलकत के विजन 2030 के एहदाफ का हुसूल शामिल है। ये मुआहिदे सऊदी अरब की आॅनलाइन यूनीवर्सिटी की खाहिश के फ्रेमवर्क के अंदर आते हैं जिसका मकसद पूरी दुनिया में अरबी जबान के इंक्यूबेटर के तौर पर ममलकत की हैसियत की तसदीक के अलावा उसकी पोजीशन को बढ़ाना और उसकी हिमायत करना है। इस मौके़ पर सऊदी इलेक्ट्रॉनिक यूनीवर्सिटी की सदर प्रोफेसर डाक्टर अहमद अलसफदी ने तकरीब के दौरान खिताब में सऊदी अरब की दानिशमंद कियादत की अरबी जबान के फरोग में दिलचस्पी पर रोशनी डाली।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ममलकत की दिलचस्पी अरबी जबान से ताल्लुक को मजबूत बनाने और उसे गैर अरब लोगों को सिखाने की खाहिश जाहिर होती है। डाक्टर अलसफदी ने कहा कि अरबी आॅनलाइन प्रोग्राम दुनिया भर में अरबी जबान सीखने के ख्वाहिशमंदों को दरपेश मुश्किलात को खत्म करने में मदद देगा। अरबी बोलने वाले ममालिक की आबादी चालीस करोड़ साठ लाख से ज्यादा है, और तमाम मजहबी रसूमात अरबी जबान में अदा किए जाते हैं।