रियाद : आईएनएस, इंडिया
मक्का मुकर्रमा में बैतुल्लाह शरीफ की मस्जिद हराम और मदीना मुनव्वरा में मस्जिद नबवी सल्लल्लाहाहे अलैहे वसल्लम के उमूर की सदारत आम्मा ने मुताल्लिका हुक्काम के तआवुन से पैगाम की तर्जुमानी के लिए चीनी जबान की सर्विस भी शुरू कर दी है।
सदारत आम्मा ने इस साल खुतबा अर्फा का 14 बैन-उल-अकवामी जबानों में तर्जुमा करके पेश करने का एहतिमाम किया। ज्यादा से ज्यादा दुनिया तक रसाई के लिए जिन जबानों का इजाफा किया गया उनमें अंग्रेजी, फ्रÞांसीसी, मालाई, उर्दू, फारसी, रूसी, चीनी, बंगाली, तुर्की, हाओसा, हिसपानवी, स्वाहिली, ताम्मुल और हिन्दी शामिल हैं। 14 जबानों में खुतबा हज की पेशकश का ये मन्सूबा बेमिसाल कामयाबी से हमकिनार हुआ और दुनिया-भर से 200 मिलियन से ज्यादा अफराद खुतबा से मुस्तफीद हुए।
तारीख में पहली मर्तबा दो मुकद्दस तरीन मसाजिद का पैगाम चीनी जबान में भी दुनिया तक पहुंचाया गया। दो मुकद्दस मसाजिद की सदारत आम्मा की जानिब से ना सिर्फ खुतबात और दर्स का चीनी जबान में तर्जुमा किया जाता है बल्कि जाइरीन की रहनुमाई और मुशावरत भी चीनी जबान में की जाती है। जनरल रेजीडेंसी किताबों का चीनी जबान में तर्जुमा करने में जदीद टेक्नोलोजी और मुमताज अहलीयत वाले अफराद से इस्तिफादा करना चाहती है। रोबोटिक्स और मस्नूई जहानत जैसी टेक्नोलोजी का इस्तिमाल करने के भी मंसूबे हैं।
सऊदी अरब के विजन 2030 की कामयाबी के तौर पर भी चीनी जबान को फआल करना अहम है। विजन 2030 का मकसद तालीमी निजाम को तरक़्की देना और सकाफ़्तों और मुवासलात को जोड़ना है। सदारत आम्मा ने इस हवाले से मुतअद्दिद इकदामात शुरू किए हैं। मक्का मुकर्रमा की मस्जिद हराम में चीनी जबान सीखने में सहूलत फराहम करने एक तालीमी सकाफ़्ती इजलास मुनाकिद किया जाएगा।