रियाद : आईएनएस, इंडिया
हज और उमरा के दिनों में मस्जिद नबवी सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम में हाजिरी देने के लिए आने वालों ने 30 जुलाई से अब तक मजमूई तौर पर आबे जमजम की 22 लाख बोतलें इस्तिमाल की हैं।
इस्तिमालशुदा आब-ए-जमजम का वजन 13128 टन बनता है। सऊदी अरब के सरकारी खबररसां इदारे एसपीए ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है 30 जुलाई से अब तक 15000 टन आब-ए-जम जम मक्का से मस्जिद नबवी लाया गया है। खबररसां इदारे को आब-ए-जम जम से मुताल्लिक ये आदाद व शुमार हरमैन शरीफैन के उमूर की अंजामदही के लिए कायम सदारत आम्मा ने फराहम किए हैं। मस्जिद नबवी सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम
सदारत आम्मा ने आब-ए-जम जम की तरसील और इस्तिमाल के लिए एक इदारे को मामूर कर रखा है जो जमजम के कदीमी कुँवें के तहफ़्फुज समेत तमाम मुताल्लिका उमूर की निगरानी करता है। याद रहे कि 5000 साल पुराने आब-ए-जम जम के इस कुँवें की गहराई सिर्फ 30 मीटर है लेकिन अल्लाह की कुदरत का ये एक शाहकार चशमा मुसलसल जारी-ओ-सारी है। आब-ए-जम जम का ये तारीखी कुँआं खाना काअबा से महज 20 मीटर के फासले पर मक्का और मदीना पहुंचने वाले दुनिया-भर के मुस्लमानों के लिए मुकद्दस पानी की फराहमी का बेहतरीन जरीया है, बताया गया है कि एक सेकण्ड के दौरान आब-ए-जम जम के इस कदीमी चश्मे से 18.5 लीटर आब-ए-जमजम निकाला जाता है।