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एयरपोर्ट पर मुसाफिर के सूटकेस से निकला सफेद मगरमच्छ


बर्लिन : आईएनएस, इंडिया
 

जर्मनी के शहर म्यूनख के एयरपोर्ट पर एक ऐसे शख़्स को गिरफ़्तार किया गया है, जो सूटकेस में नायाब नसल का अलबीनो मगरमच्छ लेकर जा रहा था। 

फॉक्स न्यूज के मुताबिक सिंगापुर से जर्मनी आने वाले शख़्स के सामान की जब स्केनिंग की गई, तो ऐसी शबिया उभरी जैसे मगरमच्छ दायरे की शक्ल में बैठा है। जब सूटकेस खोला गया तो उसमें अलबीनो मगरमच्छ मौजूद था जिसके ऊपर इतनी ज्यादा टेप्स लपेटी गई थी जिससे वो हरकत तक नहीं कर सकता था, सिर्फ उस के नथनों को खुला छोड़ा गया था जबकि मुँह भी बाँधा गया था। जब कस्टम हुक्काम ने टेप्स हटाईं, तो मगरमच्छ इंतिहाई बुरी हालत में था। उसे फौरन जानवरों के माहिरीन के हवाले किया गया जिससे कुछ ही देर में उसकी हालत सँभल गई। 

जिस शख़्स के सूटकेस से मगरमच्छ बरामद हुआ, वो सिंगापुर से म्यूनख पहुंचा था। उसका नाम सामने नहीं लाया गया हालांकि इतना बताया गया है कि उसकी उम्र 42 साल है और उसका ताल्लुक अमरीका से है। रिपोर्ट के मुताबिक उस शख़्स से पूछगिछ की जा रही है जबकि मोबाइल फोन भी कबजे में ले लिया गया है। जर्मन हुक्काम ने ये वाजिह नहीं किया है कि जिस तरीके से मगरमच्छ को ले जाया जा रहा था, वो स्मगलिंग की कार्रवाई थी या फिर कोई और मकसद था। 

नायाब नस्ल है अलबीनो

नेचर इंस्टीटियूट का कहना है कि अलबीनो दुनिया में मगरमच्छों की नायाब तरीन नसल है जो अपनी उजली और सफेद रंगत की वजह से मशहूर है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है सिंगापुर में जानवरों की गै़रकानूनी तिजारत होती है जहां नायाब नसल के जानवर भारी कीमतों में फरोखत होते हैं। महकमा जंगलात और सिंगापुर के नेशनल पार्कस बोर्ड के डायरेक्टर एड्रियन लोउ ने मुकामी अखबार स्ट्रेट्स टाईम्स को बताया कि फरोखत करने के लिए पेश किए जानेवाले जानवरों में बहुत से ऐसे भी हैं, जिनकी फरोखत के अलावा पालने पर भी पाबंदी है। वाइल्ड लाइफ के माहिरीन का ख़्याल है कि दुनिया में सिर्फ 100 से 200 की तादाद में अलबीनो मगरमच्छ मौजूद हैं।



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