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मदरसा अंजुमन इस्लामिया उनवल में गर्ल्स हाईस्कूल का संग-ए-बुनियाद

 

लड़कियां राष्ट्र निर्माण की महान शिल्पी 

नई तहरीक : उनवल 

पढ़ी-लिखी लड़की घर की रोशनी होती हैं। सौ फीसद लोगों को तभी तालीमयाफ्ता किया जा सकेगा, जब मुल्क् की लड़कियां तालीमयाफ्ता होंगी। एक लड़की अपने परिवार और अपने बंच्चों को बेहतर तर्बियत और तालीम देकर उन्हें काबिल शहरी बनाने में अहं किरदार अदा करती हैं। इस लिहाज से वे राष्ट्र निर्माण की महान शिल्पी होती हैं। इन ख्यालों का इजहार नगर पंचायत उनवल के मदरसा अरबिया अंजुमन इस्लामिया के सहन में गर्ल्स हाईस्कूल का संग-ए-बुनियाद तकरीब के दौरान बतौर मुहमाने खुसूसी आईपीएस मोहम्मद वजीर अंसारी (साबिक डीजीपी छत्तीसगढ़) ने किया। अपने खिताब में उन्होंने लड़कियों की तालीम को फरोग देने की जरूरत पर जोर दिया। 

तकरीब से खिताब करते हुए उर्दू एकेडमी के चेयरमैन कैफुलवरा ने कहा, जिस मुल्क में लड़कियों की तालीम व सेहत पर ध्यान दिया जाता है, वही मुल्क आगे चलकर तालीमयाफ्ता व मजबूत राष्ट्र बनता है। उन्होंने आगे कहा कि सेहतमंद और तालीमयाफ्ता मां ही सेहत बच्चे पैदा कर उसे तालीम व बेहतर तर्बियत से आरास्ता कर काबिल शहरी व काबिले फख्र मुल्क की तामीर में बेहतर किरदार अदा कर सकती है। 

तकरीब की सदारत करते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ के साबिक प्रदेश सदर अभिमन्यु तिवारी ने कहा, नगर पंचायत के मदरसे में गर्ल्स हाईस्कूल की संग-ए-बुनियाद की ये तकरीब ये पैगाम देती है कि लड़कियों की तालीम कितनी अहम है। 

तकरीब की कार्रवाई मदरसा कार्यसमिति के कारकुन एडवोकेट जलालुद्दीन खां ने किया व मदरसे के नाजिम हबीबुल्लाह खां व हेडमास्टर बदीउज्जमा कासमी मेहमानों के तंई शुक्रगुजारी का इजहार किया। इससे पहले मदरसे के साबिक उप प्रबंधक डा मुनव्वर अहमद ने मेहमानों की गुलपोशी कर उन्हें शाल देकर उनका इस्तकबाल किया। इस मौके पर अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पाण्डेय, बबुआ हरिशंकर सिंह, डा. डी राम, सूर्यप्रकाश पांडेय, कृष्ण केशव मिश्रा, दिलीप यादव, कृष्ण प्रताप मिश्र, राहुल सिंह, डा. अब्दूल मुईद, मुरारी सेठ सहित बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे। 

14 तलबा की हुई दस्तारबंदी

रात 10 बजे उलेमा की जानिब से 14 तलबा तौकिर अहमद उनवल, हम्माद आजम उनवल, मोहम्मद अमन, संत कबीर नगर, अब्दुल हन्नान उनवल, मुहम्मद अमीन झारखंड, मुहम्म्द यूसूफ महराजगंज, मुहम्मद असलम महराजगंज, मुहम्मद शुऐब मऊ, मुहम्मद अल्ताफ झारखंड, नवेद अख्तर गोरखपुर ,उबैदुल्लाह महराजगंज, शहनवाज गोरखपुर, अबुल कलाम झारखंड, अबू हुरैश महराजगंज की दस्तारबंदी कर उन्हें हाफिज की डिग्री दी गई। 


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