रियाद : आईएनएस, इंडिया
थाई यूनीवर्सिटी ने सऊदी अरब के वलीअहद और वजीर-ए-आजम शहजादा मुहम्मद बिन सलमान को माहौलियाती तब्दीली से निमटने के लिए उनकी अजीम कोशिशों और इकदामात के एतराफ में अर्जीयाती उलूम के शोबे में डाक्टरेट की एजाजी डिग्री से नवाजा है।
थाई यूनिवर्सिटी थाईलैंड की सबसे बड़ी और मुमताज यूनीवर्सिटी है। ये मुल्क की पहली जरई (एग्रीकल्चर) यूनीवर्सिटी है और एशियाई मुल्कों की तीसरी सबसे पुरानी यूनीवर्सिटी है। 1917 में कायम ये यूनीवर्सिटी इबतिदाई तौर पर एक स्कूल था जिसे 1928 में जरई कॉलेज बनाया गया फिर 1943 में यूनीवर्सिटी में तबदील कर दिया गया। यूनिवर्सिटी में एग्रीकल्चर उलूम से मुताल्लिक मौजूआत पढ़ाने और तहकीक का काम शुरू होने के साथ ही यूनीवर्सिटी ने अपने शोबों को वुसअत दी है। अब इसमें लाइफ साईंसिज जनरल साईंसेज, इंजीनीयरिंग, सोशल साईंसेज और ह्यूमैनिटीज को शामिल किया गया है। इस का मर्कजी कैम्पस दारुल उलूम बैंकाक के शुमाल में है। कदीम यूनीवर्सिटी की तहकीक (शोध) और तदरीस (एजुकेशन) का अपना फलसफा है। यूनीवर्सिटी की आफिशियल वेबसाइट के मुताबिक दानिशवाराना इल्म को जमा करने और तरक़्की देने के काम के लिए वक़्फ इस यूनीवर्सिटी की जिÞम्मेदारी ये भी है कि वो थाई विरसे को जिंदा रखने और उसे तरक़्की देने के लिए भी काम कर रही है।
फुटबाल वर्ल्ड कप की इफ्तिताही तकरीब में शिरकत के लिए दोहा पहुंचे
दोहा : सऊदी वली अहद शहजादा मुहम्मद बिन सलमान फीफा वर्ल्ड कप की इफ़्तिताही तकरीब में शिरकत के लिए दोहा पहुंच गए हैं। उनके गैर मुल्की दौरों का इख्तेताम कतर में होगा। इसकी शुरुआत 15 नवंबर से इंडोनेशिया से हुई थी जहां उन्होंने जी 20 में शिरकत की थी।
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