नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
वजीर-ए-आजम नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल को खिराज-ए-अकीदत पेश किया और राष्ट्रीय एकता दिवस से मुताल्लिक तकरीबात में शिरकत की।
अपनी गुफ़्तगु के आगाज में, वजीर-ए-आजम ने एक दिन पहले मोरबी में होने वाले हादिसे के मुतास्सिरीन के लिए अपने गहरे रंजोगम का इजहार किया। उन्होंने कहा कि अगरचे वो केवडया में हैं, लेकिन उनका दिल मोरबी के हादिसे के मुतास्सिरीन से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि एक तरफ गम से लबरेज दिल है तो दूसरी तरफ अमल और अदाए फर्ज़ का रास्ता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये फर्ज़ और जिÞम्मेदारी का रास्ता है, जिसने उन्हें राष्ट्रीय एकता दिवस में यहां तक पहुंचाया है। वजीर-ए-आजम मोदी ने कल के हादिसे में जानें गँवाने वाले तमाम अफराद के तंईं गहिरी ताजियत का इजहार किया और यकीन दिलाया कि हुकूमत मुतास्सिरीन के खानदानों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी है।
रियास्ती हुकूमत बचाव के काम में लगी हुई है और मर्कजी हुकूमत हर मुम्किन मदद फराहम कर रही है। वजीर-ए-आजम ने बताया कि फौज और फिजाईया की टीमों के अलावा एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्यवाहीयां को अंजाम देने के लिए तयनात की गई हैं जबकि जख्मियों का ईलाज करने वाले अस्पतालों को भी मदद फराहम की जा रही है। उन्होंने इस बात का भी जिÞक्र किया कि गुजरात के वजीर-ए-आला बचाव कामों को अंजाम देने के लिए मोरबी पहुंचे और उन्होंने वाकियात की तहकीकात के लिए एक कमेटी तशकील दी है। वजीर-ए-आजम ने मुल्क के अवाम को यकीन दिलाया कि इमदादी कार्यवाईयों में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। इस सानिहा की रोशनी में तकरीब का सकाफ़्ती प्रोग्राम वाला हिस्सा मंसूख कर दिया गया। वजीर-ए-आजम ने 2022 में एकता दिवस की एहमीयत को वाजिह करते हुए कहा कि ये वो साल है, जब हमने अपनी आजादी के 75 साल मुकम्मल किए हैं और हम नए अज्म के साथ आगे बढ़ रहे हैं। वजीर-ए-आजम ने कहा कि इत्तिहाद हर मरहले पर जरूरी है, चाहे वो खानदान हो, मुआशरा हो या कौम। उन्होंने कहा कि ये एहसास पूरे मुल्क में हर जगह 75,000 एकता दौड़ की शक्ल में जाहिर होता है। उन्होंने कहा कि पूरा मुल्क सरदार पटेल के पुख़्ता अज्म से तहरीक ले रहा है। वजीर-ए-आजम ने जोर देकर कहा कि सरदार पटेल की जयंती और एकता दिवस हमारे लिए कैलेंडर की महज तारीखें नहीं हैं, ये हिन्दोस्तान की सकाफ़्ती ताकत का इजहार करने वाली अजीम तकरीबात हैं। हिन्दोस्तान के लिए इत्तिहाद कभी भी मजबूरी नहीं थी; ये हमेशा हमारे मुल्क की खुसूसीयत रही है। इत्तिहाद हमारी इन्फिरादियत रहा है। उन्होंने कहा कि कल मोरबी जैसी आफत में पूरा मुल्क एक बन कर आगे आता है और मुल्क के हर हिस्से से लोग दुआएं और मदद पहुचां रहे हैं।
राहुल गांधी का अपनी दादी को खिराज अकीदत
इंदिरा गांधी
हैदराबाद : कांग्रेस के रुकन पार्लियामेंट राहुल गांधी ने अपनी दादी और साबिक वजीर-ए-आजम इंदिरा गांधी को उनकी 38वीं बरसी के मौका पर खिराज अकीदत पेश किया। हिन्दी में किए गए टवीट में वाइनाड के रुक्न पार्लियामेंट राहुल गांधी ने लिखा कि दादी आपकी मुहब्बत और संस्कार मेरे दिल में रखा हुआ हूँ। जिस हिन्दोस्तान के लिए आपने अपनी जान कुर्बान की, उसको बिखरने नहीं दूँगा। साथ ही राहुल गांधी ने अपनी दादी की लाश की वीडीयो भी शेयर की जिसमें कम उम्र राहुल अपनी दादी की लाश के सामने ठहर कर रो रहे हैं। इस वीडीयो में उनके वालिद राजीव गांधी भी हैं ,जो अपनी माँ की मौत पर गमजदा हैं। वीडीयो में इंदिरा गांधी के एक जलसा का मंजर भी पेश किया गया है जिसमें खिताब करते हुए वो कह रही हैं कि उन्हें फिक्र नहीं है कि वो जिंदा रहें या मरें, लेकिन उनको किसी चीज पर फखर है तो इस बात पर है कि उनकी सारी जिंदगी मुल्क के लिए खिदमत में गई। वहीं वीडीयो में इंदिरा गांधी के कारनामों को भी उजागर किया गया है। उनके इंटरव्यू और अक़्वाम मुत्तहदा से उनके खिताब के एक हिस्सा को भी इस वीडीयो में शामिल किया गया है।