बीजिंग : आईएनएस, इंडिया
मौसम-ए-सरमा (सदी) शुरू होते ही चीन के मुख़्तलिफ शहरों में कोरोना केसिज का फैलाव जारी है। खबर के मुताबिक कोरोना केसिज बढ़ने पर डीटोंग, झीणिंग, नानजिंग, झैंग जौ और वूहान में आरिजी लॉक डाउन के इकदामात किए गए हैं। चीन के शहर गवांगजो में सात दिनों के दौरान एक हजार से जाइद अफराद कोरोना में मुबतला हुए हैं जबकि वबा पर काबू पाने के लिए पाबंदियों में इजाफा किया जा रहा है। हिफाजती इकदामात के तहत शंघाई का डिजनी रेजोर्ट भी आज से बंद कर दिया गया है। चीन के सरहदी शुमाली शहरों में भी कोरोना केसिज में तेजी देखने में आ रही है, जबकि सरहदी इलाकों में पाबंदियां लगने का इमकान है। चीन में मुसलसल रोज 2 हजार से जाइद कोरोना केसिज रिपोर्ट हुए हैं।
एहतियाती सप्लीमेंटस का खरीदार नहीं, पूनावाला ने बंद किया कोवीशील्ड बनाना
न्यू दिल्ली : सीरम इंस्टीटियूट आफ इंडिया के चीफ एगजीक्यूटिव आॅफीसर आदर पूना वाला ने जुमेरात को कहा कि कंपनी ने दिसंबर 2021 से कोवीशील्ड वैक्सीन की तैयारी रोक दी है। उन्होंने कहा कि इस वक़्त दस्तयाब कुल स्टाक में से तकरीबन 10 करोड़ खुराक खत्म हो चुकी हैं। पूणे में तरक़्की पजीर ममालिक के वैक्सीन मैनुफेक्चर नेटवर्क की सालाना जनरल मीटिंग के मौका पर सहाफियों (पत्रकारों) से बात करते हुए पूना वाला ने कहा कि एहतियाती खुराक की कोई मांग नहीं है क्योंकि लोग वबाई अमराज से तंग आ चुके हैं और वैक्सीनेशन के बारे में बेहिस (असंवेदनशील) हो चुके हैं। जब कोवीशील्ड वैक्सीन से मुताल्लिक ताजातरीन मालूमात के बारे में पूछा गया तो, पूना वाला ने कहा कि हमने दिसंबर 2021 से कोवीशील्ड बनाना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा, उस वक़्त हमारे पास करोड़ों वैक्सीन का जखीरा था, जिनमें से 100 मिलियन खुराकें खत्म हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वो मुम्किना तौर पर बचाव की वैक्सीन की मखलूत खुराक की इजाजत दे देंगे। अगर आलमी इदारा-ए-सेहत (डब्ल्यूएचओ) उसकी मंजूरी देता है तो शायद हिन्दुस्तानी रैगूलेटर भी इजाजत देगा और ऐसा करना चाहिए। हालांकि फिलहाल एहतियाती खुराक का कोई मुतालिबा नहीं है, उन्होंने मजीद कहा कि आम तौर पर एहतियाती खुराक के बारे में गफलत पाई जा रही है।